आज दिनांक 7 अक्टूबर 2024 को राजकीय महाविद्यालय चिन्यालीसौड़ में एन0एस0एस0 के तत्वावधान में गढ़भोज दिवस का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य श्रीमती संगीता थपलियाल के संबोधन से हुआ। उन्होंने बताया कि गढ़भोज दिवस उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजनों को बढ़ावा देने एवं आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साधन है।

एन0एस0एस0 की कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती कृष्णा डबराल ने बताया कि उत्तराखंड राज्य बनने के बाद राज्य आंदोलन का सूत्र वाक्य “कोदा झंगोरा खाएंगे, उत्तराखंड बनाएंगे” नारे को साकार करने के लिए द्वारिका प्रसाद सेमवाल के नेतृत्व में वर्ष 2000 से गढ़भोज अभियान शुरू किया गया।

इस अभियान ने उत्तराखंड के पारंपरिक भोजन को जनमानस एवं मुख्य धारा से जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य किया। गढ़भोज दिवस की शुरुआत हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान जाड़ी की ओर से 7 अक्टूबर को प्रतिवर्ष मनाने के साथ की गई थी।

साथ ही श्रीमती कृष्णा डबराल ने गढ़भोज दिवस की शुभकामनाएं देते हुए उत्तराखंड के परंपरागत व्यंजनों के महत्व के बारे में भी बताया।

इसके पश्चात भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसका विषय था “उत्तराखंड के पारंपरिक भोजन का महत्व”। भाषण प्रतियोगिता में महाविद्यालय की छात्रा शालिनी बीएससी तृतीय सेमेस्टर ने प्रथम स्थान, अंजलि पवार बीए तृतीय सेमेस्टर ने द्वितीय स्थान, एवं स्वाति बीएससी प्रथम सेमेस्टर ने प्रतियोगिता में तृतीय स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम के अंत में विजेता छात्राओं को पुरस्कृत किया गया।

इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार के श्री कौशल सिंह बिष्ट, श्री धनराज बिष्ट, श्री अमीर सिंह, श्री सुनील गैरोला, श्री सुरेश चंद, श्री जयप्रकाश भट्ट, श्रीमती हिमानी रमोला, श्री नरेश चंद रमोला, श्री संजय एवं छात्र-छात्राएँ आदि उपस्थित रहे।