आज दिनांक 25-10-2024 को राजकीय महाविद्यालय नैनबाग में महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर सुमिता श्रीवास्तव की अध्यक्षता में अर्थशास्त्र विभाग एवं राजनीति विज्ञान विभाग व थाना केम्प्टी मसूरी देहरादून के संयुक्त तत्वावधान में साइबर सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम की संयोजक डॉ0 मधु बाला जुवांठा द्वारा किया गया। अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष एवं कार्यक्रम आयोजक डॉ0 परमानंद चौहान ने बताया कि आज के इस डिजिटल युग मे वर्तमान में साइबर सुरक्षा समाज के लिए एक संवेदनशील मुद्दा बन गया है और इस जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य छात्र छात्राओं को साइबर अपराधों के प्रति सजग एवं कानूनी प्रावधानों के विषय में जागरूक करना है।

कार्यक्रम संयोजक डॉ0 मधु बाला जुवांठा ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि सोशल मीडिया एवं साइबर क्राइम के द्वारा अनेक तरह के फ्रॉड चलाए जा रहे हैं उनसे पूरी तरह से जागरूक रहे तथा अपनी सुरक्षा करें।

कार्यक्रम में वक्ता के रूप में आमंत्रित श्री विनोद कुमार थाना अध्यक्ष कैम्पटी (मसूरी) ने महाविद्यालय के छात्र छात्राओं एवं समस्त स्टाफ को साइबर अपराध से सुरक्षित रहने के उपायों के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारियां दी ।

उन्होंने बताया कि पिछले 10-15 सालों में साइबर अपराध बहुत तेजी से बड़े हैं। साइबर अपराध में हैकर्स द्वारा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध व्यक्तिगत जानकारी, सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के कंप्यूटर डाटा को आसानी से हैक कर लिया जाता है।

उन्होंने कहा कि फिशिंग एवं हैकिंग के जरिये साइबर अपराधी नकली वेबसाइट या ईमेल के माध्यम से संवेदनशील जानकारियों को चुरा कर संस्था और व्यक्ति को ब्लैकमेल कर उसके बदले में मोटी रकम की मांग करने लगते हैं।

उन्होंने कहा कि साइबर अपराधों से बचाव के लिए कानून तो बनाए गए हैं किंतु ऑनलाइन माध्यम से की गई ठगी व वित्तीय हानियों को रिकवर करना पुलिस के लिए भी कठिन कार्य हो जाता है।

अतः ऐसे अपराधों के प्रति व्यक्ति को स्वयं सजग रहकर अपनी सूचनाओं को किसी के साथ भी आदान-प्रदान के प्रति सजग रहना आवश्यक है। तभी इस प्रकार के अपराधों को नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे- फेसबुक,इंस्टाग्राम व ट्विटर के माध्यम से होने वाले साइबर अपराधों के प्रति आगाह करते हुए उन्हें इसके प्रयोग के संबंध में सावधानियों के प्रति महत्वपूर्ण जानकारीयां दीं।

महाविद्यालय के प्राचार्य ने अपने संबोधन में कहा कि आज इस तकनीकी के युग में इन सभी डिजिटल इक्विपमेंट के साथ जुड़े रहना समाज के सभी व्यक्तियों की आवश्यकता बन गयी है क्योंकि वर्तमान समय में सूचनाओं का आदान-प्रदान चाहे वे सार्वजनिक हों या निजी सभी के लिए वर्चुअल प्लेटफार्म का प्रयोग होने लगा है।

उन्होंने कहा कि स्वयं को साइबर अपराधों से बचाने के लिए आवश्यकता है सतर्क रहने की। यदि सतर्कता बरती जाए तो कोई भी संस्था या व्यक्ति स्वयं को साइबर अपराध से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है।

कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य ने अतिथि वक्ता को स्मृति चिन्ह भेंट कर समस्त पुलिस स्टाफ का धन्यवाद ज्ञापित किया।

कार्यक्रम में डॉ0 मंजू कोगियाल, डॉ संदीप कुमार, डॉ0 दुर्गेश कुमारी,डॉ0 दिनेश चंद्र , वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी श्रीमती रेशम बिष्ट , सहा पुस्तकालाध्यक्ष श्री विनोद कुमार, श्री सुशील चंद्र,श्री भुवन चंद डिमरी,श्री अनिल नेगी,श्री रोशन रावत, श्रीमती रीना,श्री मोहन लाल एवं अनेक छात्र-छात्रायें उपस्थित रहे।

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