हरिद्वार: एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने हरिद्वार से सोनिया गाँधी को पत्र लिखकर उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व और विधायकों को चूड़ियाँ और मेकअप का सामान भेंट करने की इच्छा जताई है।

शरत शर्मा ने उत्तराखंड रोजगार विधेयक जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर, उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं के चुप्पी साधने और युवाओं के भविष्य और रोजगार से जुड़े मुद्दों पर केवल अपने व्यक्तिगत स्वार्थ साधने वाली राजनीति करने के लिए कांग्रेस के सभी 18 ,वर्तमान विधायकों और पदासीन नेताओं से इस्तीफा मांगने का अनुरोध किया है।

शरत शर्मा ने कांग्रेस के विधायकों और पदाधिकारियों की आलोचना करते हुए कहा कि ये लोग अपने व्यक्तिगत राजनीतिक स्वार्थों के लिए कांग्रेस के ऐतिहासिक मंच का दुरुपयोग कर रहे हैं। जब इन्हें पार्टी में कोई पद चाहिए होता है या टिकट की मांग होती है, तो ये अपनी फाइलों और सिफारिशों के साथ AICC की ओर दौड़ पड़ते हैं। लेकिन जब प्रदेश की जनता और युवाओं के रोजगार और भविष्य से जुड़े मामले होते हैं, तो वे इन्हें अपने तक ही सीमित रखते हैं।

शरत शर्मा ने प्रदेश के वर्तमान कांग्रेस नेताओं को तुरंत प्रभाव से पद से मुक्त करने की प्रार्थना की है और सोनिया गांधी से अनुरोध किया है कि वे कांग्रेस के सभी 18 वर्तमान विधायकों से इस्तीफा मांगें।

उन्होंने अपनी मांग के पीछे के कारणों का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने बड़े मनोयोग और संघर्ष के साथ प्रदेश के 82 लाख कार्यबल के लिए रोजगार सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा देने के लिए, और प्रदेश में 4 लाख नई सरकारी नौकरियां और उनके पद सृजित करने के लिए आवश्यक शोध कार्य किया है और विधानसभा में इन आवश्यक सुधारों को क़ानूनी रूप देने के लिए उत्तराखंड रोजगार बिल लाने की मांग रखी थी।

शरत शर्मा ने पत्र में लिखा है कि “मैं यह पत्र उत्तराखंड रोजगार विधेयक के संबंध में अपनी गहरी चिंताएं व्यक्त करने के लिए लिख रहा हूं। इस पत्र का उद्देश्य उत्तराखंड की राज्य रोजगार नीति में मौजूद खामियों और अंतरालों को उजागर करना और उनमें सुधार करना है।

विशेषकर सरकारी नौकरीयों के वितरण में विभिन्न वर्गों के कार्यबल के प्रति, प्रदेश की वर्तमान रोजगार नीति और भर्ती व्यवस्था का दृष्टिकोण अत्यंत भेदभावपूर्ण और अलोकतांत्रिक है।”

उन्होंने आगे कहा की उत्तराखंड प्रदेश के सम्पूर्ण कार्यबल को और लगातार पलायन करते युवाओं को नई और लोकतान्त्रिक रूप से व्यवहारिक सुधारों से युक्त रोजगार नीति की आवश्यकता है। उन्होंने आगे कहा की प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व कांग्रेस पार्टी के ऐतिहासिक मंच और राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा प्रदत शक्तियों का दुरूपयोग कर रहा है।

उन्होंने पत्र में आगे कहा की ” बहुत भारी मन से, मैं कांग्रेस पार्टी के राज्य नेतृत्व और निर्वाचित विधायकों के प्रति हमारी गहरी निराशा व्यक्त करता हूँ। और यह भी जानकार हैरान हूँ की, इस उत्तराखंड रोजगार विधेयक जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे के प्रति उनकी लापरवाही और उपेक्षापूर्ण रवैया आपकी की नज़र में अभी तक क्यों नहीं आया है।

हमारे असंतोष के एक प्रतीकात्मक संकेत के रूप में और उनकी गंभीरता की कमी को उजागर करने के लिए, माननीय आपकी आज्ञा से, हम उन्हें एक प्रेस वार्ता के दौरान चूड़ियों का एक सेट भेंट करने का इरादा रखते हैं, साथ ही कांग्रेस पार्टी के भीतर उनके पदों और उत्तराखंड विधानसभा की सदस्यता से उनके इस्तीफे की मांग करते हैं।”

शरत शर्मा ने आगे कहा की, उत्तराखंड रोजगार विधेयक, जिसे 2024 के भारतीय आम चुनावों से काफी पहले विधानसभा में पेश किए जाने की उम्मीद के साथ तैयार कर लिया गया था। यह प्रदेश में रोजगार क्षेत्र में प्रचलित अन्याय और विसंगतियों को खत्म करने की दिशा में एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कदम है।

इसके अलावा, यह उत्तराखंड की भाजपा सरकार को 2022 के विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस पार्टी के चुनाव घोषणापत्र में किए गए 4 लाख नए रोजगार सृजित करने के कांग्रेस पार्टी के एजेंडे का पालन करने के लिए मजबूर करने के लिए भी बनाया गया है। उन्होंने आगे कहा की उत्तराखंड में राज्य नेतृत्व के साथ उत्तराखंड रोजगार विधेयक से संबंधित सभी प्रासंगिक विवरण और रणनीतिक लाभों को प्रस्तुत करने और चर्चा करने के हमारे प्रयासों के बावजूद, हमारे प्रयास व्यर्थ रहे हैं।

संबंधित राज्य नेतृत्व में हमारे जैसे साधारण कांग्रेस कार्यकर्ताओं से जनकल्याण और आर्थिक विकास के लिए लाभकारी विचारों को स्वीकार करने का साहस नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि वे उत्तराखंड रोजगार विधेयक से संबंधित प्रासंगिक दस्तावेजों और रणनीतियों को ‘माननीय’ आपसे भी साझा नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण केवल वे ही जानते हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि हमने ईमेल और अन्य संचार माध्यमों के माध्यम से आपसे संपर्क साधने का प्रयास किया है, परंतु आपके आसपास के नेतृत्व और अधिकारियों द्वारा लगातार बाधाएं उत्पन्न की जा रही हैं, जो स्वयं को आपके प्रतिनिधि के रूप में प्रस्तुत करते हैं।

इसलिए, हमें इस मामले को सार्वजनिक रूप से उठाने के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचा है। हमें पूरा विश्वास है कि कांग्रेस पार्टी आपके नेतृत्व में जनता के अधिकारों और कल्याण के प्रति सदैव समर्पित रही है। इसी विश्वास के साथ, हम आपसे आग्रह करते हैं कि आप तत्काल हस्तक्षेप करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य के नेतृत्व और निर्वाचित प्रतिनिधि इस मामले को गंभीरता से लें और उत्तराखंड में रोजगार के अवसरों में सुधार के लिए कार्य करें।

यदि ऐसा नहीं होता है, तो हम आपसे अनुमति चाहते हैं कि हम प्रेस वार्ता के दौरान उन्हें चूड़ियों का एक सेट भेंट करते हुए , उनकी लापरवाही और जन हित के महत्वपूर्ण विषयों पर उनकी विफलता के लिए, कांग्रेस पार्टी के भीतर उनके पदों और उत्तराखंड विधानसभा की सदस्यता से उनसे तत्काल इस्तीफा देने की मांग कर सके।