हरिद्वार: जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने नगर निगम कार्यालय में छापेमारी की। नगर निगम कार्यालय में पूर्वाहन 10ः10 बजे की गई छापेमारी के दौरान 73 कार्मिक अनुपस्थित मिले।
जिलाधिकारी ने छापेमारी के दौरान अनुपस्थित मिले सभी अधिकारियों तथा कर्मचारियों का वेतन रोकने तथा स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिये।
इस दौरान जिलाधिकारी ने सूचना का अधिकार से सम्बंधित पटल का निरीक्षण करते हुए निर्देश दिए कि रजिस्टर को अपडेट किया जाए और सभी प्रविष्टियां सही से अंकित की जाएं। उन्होंने विभिन्न पटलो के निरीक्षण के दौरान निर्देश दिए कि पत्रावलियों को सुरक्षित एवं संरक्षित रखा जाए।
उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि फील्ड कार्मिकों की कार्य प्रणाली पर भी पैनी नज़र रखी जाए। शहर में सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि नगर निगम के रूटीन के कार्य किसी भी दशा में प्रभावित न हों। जिलाधिकारी ने जनपद में तैनात सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए आदेश दिये कि कोई भी अधिकारी एवं कर्मचारी अवकाश स्वीकृत कराये बिना कार्यालय से अनुपस्थित नहीं रहेगा।
जनता के कार्यालय पहुॅचने से पहले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्धारित समय पर कार्यालय पहुॅचना होगा। जिलाधिकारी ने बताया कि समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कार्यालय में उपस्थिति सुनिश्चित किये जाने हेतु भविष्य में भी समय-समय पर औचक निरीक्षण किया जायेगा तथा अनुपस्थित पाये जाने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।
नगर निगम मे वैसे भी कर्मचारियो का ड्यूटी के समय अनुपस्थित रहना आम बात है मृत्यु प्रमाणपत्र बनने मे 4-5 महीने लग रहे हैं। परिजन नगर निगम के चक्कर काट कर परेशान हो रहे है कोई जवाब देने वाला नही है।
शहर की सफाई व्यवस्था ठेकेदार के हवाले की गई है तब से सफाई व्यवस्था चौपट हो गई है ठेकेदार जहां ज्वालापुर मे सफाई के प्रतिमाह 70 रूपए तो शंकर आश्रम के समीप 100 रूपए लिए जा रहे है । पहले नगर पालिका मे मात्र एक स्वास्थ्य निरीक्षक होता था निगम बनने के बाद 4-4 निरीक्षक है पर शहर की सफाई व्यवस्था को देखने की फुर्सत किसे के पास नही है निगम को भंग हुए भी एक बर्ष हो गए जिसके कारण अधिकारी भी बेलगाम हो गए है जिलाधिकारी के औचक निरीक्षण के बाद शायद कुछ सुधार आए।