पंडित ललित मोहन शर्मा श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर, ऋषिकेश के मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग में कल दिनांक 18 दिसंबर 2024 को उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रोधौगिकी परिषद, (यूकास्ट) देहरादून के तत्वावधान में छात्र-छात्राओं के लिए एक विशेष मेडिकल व्याख्यान का आयोजन किया गया।

इस व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में राजकीय दून मेडिकल कॉलेज, देहरादून के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ० शलभ जौहरी ने बायो-सेंसर विषय पर महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया।

इसमें उन्होंने बताया कि बायोसेंसर (Biosensor) एक ऐसा उपकरण है जो जैविक पदार्थों की उपस्थिति या उनकी गतिविधि का पता लगाने के लिए उपयोग किया जाता है। यह उपकरण जैविक पदार्थों को पहचानने और उनकी मात्रा को मापने के लिए एक जैविक संवेदनशील तत्व और एक इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल प्रोसेसर का उपयोग करता है।

उन्होंने बताया कि इसके अंतर्गत एंजाइम बायोसेंसर, न्यूक्लिक एसिड बायोसेंसर, प्रोटीन बायोसेंसर, सेल बायोसेंसर, ऑप्टिकल बायोसेंसर आदि प्रकार के होते है।

उन्होंने बताया कि बायोसेंसर का इस्तेमाल मधुमेह प्रबंधन के लिए, संक्रामक रोग (जैसे, COVID-19, इन्फ्लूएंजा), कैंसर का पता लगाने, प्वाइंट-ऑफ-केयर (पीओसी) बायोसेंसर, तंत्रिका संबंधी विकार (जैसे, पार्किंसंस रोग, अल्जाइमर रोग) आदि का पता लगाने की आधुनिक तकनीकी है ।

साथ ही उन्होंने मिलडिटॉफ मशीन के बारे में भी बताया मेल्डिटॉफ मशीन एक प्रकार का मेडिकल उपकरण है जो मरीज की देखभल के लिए उपयोग किया जाता है। यह मशीन पेशेंट की तबियत की निग्रानी करने के लिए उपयोग किया जाता है और इसमें कई प्रकार के सेंसर्स और मॉनिटरिंग सिस्टम होते हैं। मेल्डिटॉफ मशीन का उपयोग आईसीयू, ऑपरेशन थियेटर, आपातकालीन विभाग में मरीज की तबियत की निगरानी के लिए उपयोग किया जाता है।

इस अवसर पर विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष व समन्वयक प्रो० गुलशन कुमार ढींगरा ने डॉ० शलभ जौहरी का स्वागत करते हुए कहा कि चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े छात्रों के लिए यह व्याख्यान अत्यंत शिक्षाप्रद है वर्तमान दौर में आधुनिकता का ज्ञान होना आवश्यक है साथ ही उन्होंने बताया कि यूकास्ट, देहरादून के द्वारा विज्ञान एवं अनुसंधान के लोकव्यापीकरण के लिए अनेको कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है इसी क्रम में यूकास्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पन्त के निर्देशन में हमारे परिसर में भी कार्यक्रम आयोजित किये जा रहें है।

इस अवसर पर परिसर के निदेशक प्रो महावीर सिंह रावत ने डॉ शलभ जौहरी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि पेरामेडिकल के छात्रों को विभिन्न चिकित्सा तकनीकियों का ज्ञान होना आवश्यक है इसी क्रम डॉ जौहरी द्वारा बायोसेंसर विषय पर दिया व्याख्यान उनके भविष्य में कारगर सिद्ध।

इस मोके पर मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी व माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डॉ बिंदु देवी, शालिनी कोटियाल, अर्जुन पालीवाल, आकांक्षा जोशी, निशांत व 80 छात्र- छात्रायें मौजूद रहे I

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