राजकीय कला कन्या महाविद्यालय कोटा के कैम्पस प्लेसमेंट एवं कैरियर काउंसलिंग सेल के तत्वावधान में आज दिनांक 11.03.2025 को अंबूजा फाउंडेशन के चंबल फर्टिलाइजर स्किल इंस्टीट्यूट के सहयोग से ‘आज के रोजगार बाजार में कौशल विकास का महत्व’ विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला के प्रारंभ में प्लेसमेंट सेल प्रभारी डॉ. ज्योति सिडाना ने बताया कि सैद्धांतिक ज्ञान से अधिक व्यवहारिक ज्ञान महत्वपूर्ण होता है क्योंकि आज के दौर में बिना कौशल प्राप्त किए कोई भी जॉब प्राप्त करना आसान नहीं है।

अंबूजा फाउंडेशन के श्री शुभम शर्मा ने प्रारंभ में गढ़ेपान में संचालित चम्बल फर्टिलाइजर स्किल इंस्टीट्यूट में संचालित होने वाले विभिन्न कोर्स की जानकारी दी जैसे बाल विकास, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, बैंकिंग क्षेत्र, फ्रंट ऑफिस एसोसिएट, ब्यूटिशियन, इलेक्ट्रिशियन, रिलेशनश्पि मैनेजर इत्यादि के विषय में विस्तृत जानकारी दी।

प्रशिक्षक श्री मनोज यादव ने बताया कि अंबूजा फाउंडेशन द्वारा पूरे भारत में लगभग 43 तथा राजस्थान में 13 कौशल विकास केन्द्र संचालित किये जा रहे है, उन्होंने विडियो क्लिपिंग के माध्यम से सभी कोर्स की संक्षिप्त जानकारी दी और बताया कि जल्दी ही संभवतः मई माह में कोटा में भी वह एक केन्द्र खोलने की योजना बना रहे है, जिसमें डेटा सांइस, माइक्रो फाइनेंस एवं ऑफिस एसोसिएट् के कोर्स संचालित किए जायेगें।

फाउंडेशन से प्रशिक्षण ले रही तीन छात्राऐं लक्ष्मी, पायल और सुमन ने अपने अनुभवों को साझा किया जिन्हें कोर्स पूरा होने के बाद प्लेसमेंट भी प्राप्त हो गया है। कार्यशाला के दूसरे सत्र में फाउंडेशन की प्रशिक्षक सुश्री वसुधा लोहिया ने बताया कि उनके इंस्टीट्यूट में व्यक्तित्व विकास और सॉफ्टवेयर संबंधी प्रशिक्षण सभी ट्रेनीज़ के लिए अनिवार्य होता है चाहे वह किसी भी कोर्स में प्रवेश ले। इसके माध्यम से उन्हें कम्प्यूटर का प्रांरभिक ज्ञान हो जाता है जो आज के समय में हर जॉब में आवश्यक है।

फाउंडेशन के फील्ड आर्जवर श्री गणेश सिंह ने अपने क्षेत्र के अनुभवों को साझा किया। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. सीमा चौहान ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हमारी छात्राओं को इस तरह के कोर्स निःशुल्क करने का अवसर प्राप्त हो रहा है।

आज के समय में केवल अकादमिक डिग्री के आधार पर एक अच्छी जॉब नहीं मिल पाती है इसके लिए आवश्यक है कि हम किसी ना किसी कौशल में प्रशिक्षण प्राप्त करें।

कार्यशाला में डॉ. धर्मसिंह मीणा, डॉ. पारूल सिंह, प्रो. सोमवती शर्मा, प्रो. बबिता सिंघल उपस्थित रहे तथा 92 छात्राओं ने कार्यशाला में पंजीकरण करवाया। अंत में प्लेसमेंट सेल के सदस्य डॉ. गिरेन्द्र पाल सिंह ने अतिथियों एवं छात्राओं का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया।

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