राजकीय महाविद्यालय पाबौ में चल रहे 12 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम (EDP) के अष्टम दिवस पर छात्रों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने हेतु बाजार सर्वेक्षण का आयोजन किया गया।

इस आयोजन हेतु स्थानीय पाबौ बाजार का चुनाव किया । इस दौरान सभी छात्रों का एक समूह बनाकर बाजार की विभिन्न व्यवसाइक प्रतिष्ठानों का भ्रमण कराया गया इस समूह का मार्गदर्शन महाविद्यालय के नोडल उद्यमिता केंद्र डॉ० गणेश चंद एवं महाविद्यालय कोऑर्डनैटर प्रियंका खन्करियाल के निर्देशन में किया गया।

बाजार सर्वेक्षण के अंतर्गत छात्रों ने एक निर्धारित बाजार सर्वेक्षण प्रश्नवाली जैसे आपने कितनी पूंजी से व्यापार शुरू किया ? आपके उद्यम में क्या चुनोतियाँ है ? आपने व्यापार शुरू करने का idea कैसे आया ? आपका बाजार में प्रतिस्पर्धा किससे है ? आपका बिजनेस लाभ पर चल रहा है या नहीं ? आपके आगे अपने उद्यम को ज्यादा विकसित करने की क्या रणनीति है ? आदि विभिन्न प्रश्न पूछे जिसका उत्तर ब्यवसाइक प्रतिष्ठान मालिकों ने उपस्थित सभी छात्र- छात्रों को दिये साथ ही उनसे अपने उद्यम स्थापित करने की प्रेरणा ली ।

प्रश्नवाली के माध्यम से प्रतिष्ठान मालिकों से बाजार में व्याप्त समस्याओं की पहचान करने, उद्देश्यों को परिभाषित करने, डेटा संग्रहण की विधियां अपनाने, डेटा का विश्लेषण करने एवं उसके आधार पर रिपोर्ट तैयार कर संभावित समाधान सुझाने की प्रक्रिया को अपनाया।

यह संपूर्ण अभ्यास ग्राहक की आवश्यकताओं को समझने, प्रतिस्पर्धा का विश्लेषण करने एवं बाजार में संभावनाओं की खोज करने जैसे महत्वपूर्ण उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए किया गया।

बाजार सर्वेक्षण केदौरान छात्रों ने दून स्वीट शॉप , 99 मार्ट ,रौथाण बुक डिपो , किराना शॉप, इलेक्ट्रॉनिक्स,हार्डवेयर शॉप , रेसटोरंट , देवभूमि होटल , बिष्ट फर्नीचर एवं गिफ्ट सेंटर एवं मेडिकल स्टोर आदि ब्यवसाइक प्रतिष्ठानों का भ्रमण किया और वहां की व्यावसायिक स्थितियों का गहन अध्ययन किया। छात्रों ने विभिन्न व्यापारियों से संवाद कर उनके व्यवसाय से जुड़ी चुनौतियों एवं अवसरों को समझने का प्रयास किया।

इस संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के उद्यमिता एवं विकास योजना केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ० गणेश चंद एवं कोऑर्डनैटर प्रियंका खन्करियाल द्वारा किया गया।

इस बाजार सर्वेक्षण के मौके पर छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे एवं महाविद्यालय प्राध्यापकों में श्री दीपक कुमार,डॉ० धनेद्र पँवार ने अपना विशेष सहयोग प्रदान किया ।

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