हरिद्वार : शहर को ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने और चारधाम यात्रियों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए सरकार ने एक महत्त्वाकांक्षी योजना पर काम शुरू कर दिया है।
इस योजना के तहत मनसा देवी पर्वत के नीचे 10 किलोमीटर लंबी सुरंग (टनल) बनाई जाएगी, जो भेल क्षेत्र से मोतीचूर तक जाएगी। यह टनल देहरादून, ऋषिकेश और गढ़वाल की ओर जाने वाले यात्रियों के लिए वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराएगी।
जिससे हरिद्वार शहर के भीतर से गुजरने वाला भारी ट्रैफिक काफी हद तक कम हो जाएगा।हरिद्वार धार्मिक नगरी होने के साथ ही चारधाम यात्रा का मुख्य पड़ाव भी है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। जिससे ट्रैफिक का दबाव कई गुना बढ़ जाता है।
विशेषकर चारधाम यात्रा, कुंभ, अर्धकुंभ, कांवड़ मेला, सोमवती अमावस्या जैसे पर्वों के दौरान शहर की सड़कें वाहनों से ठसाठस भर जाती हैं। इससे लोगों को घंटों जाम में फंसे रहना पड़ता है।
इन हालात को देखते हुए हरिद्वार सांसद और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर हरिद्वार को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए टनल बनाने का सुझाव दिया था। केंद्रीय मंत्री ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई। जिसके बाद अब लोक निर्माण विभाग ने इसकी योजना पर काम शुरू कर दिया है।
किसको मिलेगा लाभ…
टनल का सबसे अधिक लाभ देहरादून और ऋषिकेश की ओर जाने वाले यात्रियों को होगा, जो अब हरिद्वार शहर के भीतर घुसने की बजाय इस सुरंग के जरिए सीधे आगे बढ़ सकेंगे। यही रास्ता चारधाम यात्रा मार्ग से भी जुड़ जाएगा, जिससे यात्रा का समय घटेगा और यात्री ट्रैफिक जाम से बच सकेंगे। परियोजना से जुड़े लोनिवि अधिकारियों ने बताया कि यह योजना फिलहाल प्लानिंग फेज में है। जल्द ही भूगर्भीय सर्वेक्षण और अन्य तकनीकी अध्ययन कराए जाएंगे। उसके बाद निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस टनल का निर्माण एक चुनौतीपूर्ण कार्य होगा। क्योंकि यह पर्वत के नीचे से गुजरने वाली एक लंबी सुरंग होगी।
हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि टनल के निर्माण से न केवल हरिद्वार की ट्रैफिक समस्या का समाधान होगा बल्कि देहरादून, ऋषिकेश और चारधाम यात्रियों को भी बड़ी राहत मिलेगी। केंद्रीय मंत्री गडकरी जी ने इस परियोजना को प्राथमिकता देते हुए अपनी सहमति दी है। जिसके बाद अब विभागीय स्तर पर तैयारी शुरू हो गई है।