राजकीय व्यावसायिक महाविद्यालय बनास पैठाणी की नमामि गंगे इकाई द्वारा प्राचार्य प्रो. (डॉ.) विजय कुमार अग्रवाल के मार्गदर्शन में स्थानीय चित्रेश्वर महादेव मंदिर चिप्पलघाट में योग शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें योगाभ्यास, पौराणिक वेद-पुराणों, नदियों की सभ्यता एवं संस्कृति पर विभिन्न वक्ताओं ने अपने व्याख्यान दिए।

नमामि गंगे के नोडल डॉ. खिलाप सिंह ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम में आज योग के साथ-साथ पौराणिक वेद-पुराणों, नदियों की सभ्यता एवं संस्कृति पर वक्ताओं द्वारा व्याख्यान दिए जाएंगे।

तथा सभी को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं देते हुए कहा वेदों में योग और ज्ञान की प्रथाओं का उल्लेख है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, तनाव को कम करने और आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ाने में मदद करती हैं |

आचार्य श्रीकृष्ण पोखरिया जी वेदों पर अपना व्याख्यान देते हुए कहा कि चारों वेद सनातन धर्म के स्तंभ है, ऋग्वेद ज्ञान का स्रोत है, यजुर्वेद कर्म का पाठ है, सामवेद सामूहिक भक्ति और संगीत की लहर है, और अथर्ववेद जीवन की व्यावहारिक शक्ति है |

पंडित ब्रह्मानंद जी ने पुराणों पर अपना व्याख्यान देते हुए कहां पुराणों में ब्रह्मांड की उत्पत्ति, देवताओं और ऋषियों की कथाएं, राजाओं की वंशावली, विभिन्न तीर्थ का महत्व और सामाजिक, धार्मिक आचरण के बारे में जानकारी दी गई है,

प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के प्रतिनिधि योग प्रशिक्षक श्री प्रताप सिंह रावत जी ने योग, प्राणायाम एवं ध्यान के विभिन्न आसनों का अभ्यास कराया।

महाविद्यालय के प्राध्यापक एवं मीडिया प्रभारी डॉ. प्रकाश चंद्र फोंदणी ने कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का धन्यवाद किया, तथा कहा कि भारत को नदियों का देश भी कहा जाता है, यहां की सभ्यताओं और संस्कृतियों का गहरा संबंध नदियों से रहा है कुंभ मेला, माघ मेला, नर्मदा परिक्रमा, गोदावरी पुष्करम, बैसाखी मेला जैसे पर्व नदियों के तट पर ही मनाए जाते हैं।

योग शिविर में ग्राम प्रधान भोपाल सिंह रावत, मंदिर के महंत, चिप्पलघाट व्यापार मंडल के सदस्यों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं क्षेत्र की जनता ने प्रतिभाग किया।

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