एनटीन्यूज़: 2 सितंबर विश्व नारियल दिवस पर डॉ भरत गिरी गोसाई का नारियल पर बहुत ज्ञानवर्धक व परीक्षा उपयोगी लेख।
प्रतिवर्ष 2 सितंबर को विश्व नारियल दिवस मनाया जाता है। जिसका मुख्य उद्देश्य विश्व स्तर पर नारियल की खेती और उत्पादकता को बढ़ावा देना है। नारियल एक बहुवर्षी एवं एकबीजपत्री पौधा है, जिसे श्रीफल अथवा कल्पवृक्ष भी कहा जाता है। जिसका वैज्ञानिक नाम कोको न्यूसीफेरा है। यह पाम परिवार से संबंध रखता है। नारियल के पेड़ की औसत आयु 100 साल होती है और इसकी औसत ऊंचाई 10 से 30 मीटर होती है। 2 सितंबर 1969 को APCC की स्थापना इंडोनेशिया के जकार्ता मे हुई। इसके बाद संपूर्ण विश्व मे निरंतर विश्व नारियल दिवस मनाया जा रहा है।
विश्व नारियल दिवस की थीम: वर्ष 2021 की विश्व नारियल दिवस की थीम है- इन्वेस्ट इन कोकोनट टू सेव द वर्ल्ड।
नारियल मे मौजूद पौष्टिक तत्व:Nutrients in coconut नारियल मे लगभग 200 मिली पानी, 52.77% मैग्नीज, 38.6 7% कॉपर, 24.20% आयरन, 18.8% फाइबर, 9.37% कार्बोहाइड्रेट, 8.0% जिंक, विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन बी एवं ओमेगा 3 फैटी एसिड मौजूद रहता है।
नारियल की उपयोगिता: नारियल का महत्व न केवल धार्मिक कार्यों मे है, बल्कि पौष्टिकता के साथ स्वास्थ्य के लिए भी नारियल बहुत ही लाभदायक फल है। वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार नारियल पानी मे एल-आर्जिनिन अमीनो एसिड पाया जाता है। जिसमे एंटी डायबिटिक गुण होता है जोकि डायबिटीज से बचाता है।
नारियल मे एंटी-थोम्बेटिक गुण के कारण रक्त को जमने से रोकता है। नारियल पानी मे हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव व एंटी ऑक्सीडेंट भी होते है जोकि शरीर मे ग्लूकोज की मात्रा को संतुलित करते है। वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार नारियल पानी मे ग्लूटामाइन अमीनो एसिड पर्याप्त मात्रा मे मौजूद रहता है जोकि मस्तिष्क संबंधित समस्याओ के समाधान मे उपयोगी सिद्ध होता है।
नारियल पानी इलेक्ट्रोलाइट्स का प्रमुख स्रोत है, जोकि शरीर मे ऊर्जा के स्तर को बनाए रखता है। इसके अलावा नारियल ह्रदय, यकृत, गुर्दे, मुंह के छाले आदि रोगो से भी राहत दिलाता है।
डायबिटीज, उल्टी, दस्त होने पर नारियल पानी लाभदायक होता है। नारियल मे पर्याप्त मात्रा मे मिनरल्स, अमीनो एसिड्स तथा विटामिन्स होने के कारण शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करता है। नारियल पानी ना सिर्फ सेहत के लिए बल्कि त्वचा को भी खूबसूरत बनाने मे मददगार साबित होता है।
नारियल का उत्पादन: विश्व मे प्रतिवर्ष 55 मिलियन टन नारियल का उत्पादन होता है। विश्व मे सर्वाधिक नारियल उत्पादन इंडोनेशिया, फिलीपींस, भारत, ब्राजील तथा श्रीलंका मे होता है।
भारत मे केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु व आंध्र प्रदेश राज्य मे सर्वाधिक नारियल का उत्पादन होता है। नारियल के निर्यात से भारत को हर साल 470 करोड रुपए की आमदनी प्राप्त हो जाती है।
नारियल विकास बोर्ड (CBD): देश मे नारियल की खेती और उससे जुड़े उद्योग को बढ़ावा देने मे मदद करता है। यह बोर्ड नारियल विकास के लिए कृषि मंत्रालय के अंतर्गत काम करता है। नारियल रोपने की सामग्री के उत्पादन और वितरण, नारियल के तहत क्षेत्र के विस्तार, उत्पादकता मे सुधार, बड़े पैमाने पर खेती की योजनाएं बनाने, नारियल पानी, खोपरा, नारियल तेल, कच्चे गिरी, नारियल केक से जुड़े काम यह बोर्ड करता है।
इसके साथ ही नारियल उत्पादों की प्रोसेसिंग और नई-नई टेक्नोलॉजी के बारे में किसानों को जानकारी दी जाती है।