NEET देने परीक्षा केंद्र पहुंची छात्रा का इनरवियर उतरवाए जाने के मामले में कार्रवाई हुई है. मामले में दो कॉलेज स्टाफ समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
केरल के कोल्लम स्थित मार थॉमा कॉलेज में 17 जुलाई को हुई घटना पर छात्रा की ओर से 18 जुलाई को शिकायत की गई थी. वहीं मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लेते हुए केरल पुलिस और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) से कार्रवाई करने को कहा था. इधर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने जांच के लिए कमेटी बना दी है.
इस मामले में लड़की और उसके परिजनों ने मानसिक उत्पीड़न की बात कहते हुए अपनी शिकायत दर्ज कराी थी. हालांकि एनटीए द्वारा जारी ड्रेस कोड में इनरवियर को हटाने को लेकर कोई बात नहीं कही गई है. बताया जाता है कि मेटल डिटेक्टर में ब्रा के मेटल हुक के आने के बाद सुरक्षा के मद्देनजर वहां तैनात स्टाफ ने ऐसा करवाया था.
बताते चलें किसी, केरल के कोल्लम जिले के अयूर में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) के परीक्षा केंद्र पर परीक्षा देने से पहले छात्राओं से उनके इनरवियर उतरवाए गए. तीन घंटे तक छात्राओं ने ऐसे ही परीक्षा दि. इस मामले के तूल पकड़ने के बाद मंगलवार को इसकी जांच करने के आदेश दिए गए थे. इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था. इसके बाद इस घटना को अंजाम देनेवाली पांच महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है.
इन महिलाओं परआरोप है कि उन्होंने छात्राओं से जबरन परीक्षा से पहले इनरवियर उतरवाया और छात्रों को तीन घंटे ऐसे ही परीक्षा देनी पड़ी. हालांकि कहा गया है कि छात्राओं को ऐसा करने को इसलिए कहा गया, क्योंकि मेटल डिटेक्टर में जांच के दौरान इनरवियर में लगे हुक के चलते आवाज़ हुई थी.
छात्रा के पिता ने आरोप लगाया था और मीडिया से कहा था कि मेरी बेटी ने पहली बार नीट की परीक्षा दी और परीक्षा हॉल में मेरी बेटी को बिना अंत:वस्त्र के परीक्षा देना पड़ा. उन्होंने कहा कि मेरी बेटी इस सदमें से अबतक उबर नहीं पायी है.
उन्होंने कहा कि उनकी बेटी नीट बुलेटिन में उल्लिखित ड्रेस कोड के हिसाब से कपड़े पहनकर गयी थी और उसमें अंत:वस्त्र को लेकर कहीं कुछ नहीं लिखा था. छात्रा के पिता का दावा है कि उक्त सेंटर पर करीब 90 फीसदी छात्राओं से उनका इनरवियर उतरवा लिया गया था.
केरल पुलिस ने लड़की की शिकायत पर इस घटना से कथित रूप से जुड़े लोगों के विरूद्ध मामला दर्ज किया था.
वहीं नीट परीक्षा के दौरान छात्राओं को अंत:वस्त्र निकालने के लिए बाध्य करने पर उस निजी शिक्षण संस्थान के विरूद्ध छात्र संगठनों ने विरोध-प्रदर्शन किया था. प्रदर्शन के हिंसक हो जाने के बाद पूरे इलाके में तनाव व्याप्त हो गया था.