December 22, 2025

Naval Times News

निष्पक्ष कलम की निष्पक्ष आवाज

डाकपत्थर महाविद्यालय में हुआ “इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स एंड रिसर्च प्रपोजल राइटिंग” विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

Img 20240119 175859

आज दिनांक 19 जनवरी 2024 को राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय डाकपत्थर में भौतिक विज्ञान विभाग द्वारा “इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स एंड रिसर्च प्रपोजल राइटिंग” विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का प्रारंभ किया गया।

कार्यशाला का शुभारंभ प्राचार्य प्रोफेसर जी आर सेमवाल की अध्यक्षता में किया गया। भौतिक विज्ञान विभाग के विभाग प्रभारी एवं आयोजक सचिव डॉ विनोद सिंह रावत ने दो दिवसीय कार्यशाला की प्रस्तावना बताई एवं सम्मानित अतिथियों का एक संक्षिप्त परिचय सभी उपस्थितजनों को दिया।

Img 20240119 Wa0009

कार्यशाला के प्रथम दिन इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यक्रम की संयोजक डॉ राखी डिमरी के द्वारा कार्यशाला के विषय, महत्व एवं उद्देश्य के बारे में बताया गया।

कार्यशाला के मुख्य अतिथि प्रोफेसर के.डी.पुरोहित ने आई.पी.आर. की आवश्यकता व महत्व की भूमिका को बेहद सरल,रोचक व व्यावहारिक शब्दों में प्रस्तुत किया, साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान प्रतियोगिता के समय में छात्रों में शोध के लिए जिज्ञासा होने के साथ बौद्धिक संपदा से संबंधित जागरूकता होनी भी अत्यंत जरूरी है ।

प्राचार्य प्रोफेसर जी आर सेमवाल ने कहा की प्रत्येक व्यक्ति में क्षमताएँ होती है। जिन भी छात्रों में शोध के प्रति जागरूकता हो उन्हें समसामयिक विषयों जैसे आईपीआर , ए आई, इत्यादि की जानकारी होना आवश्यक है। कार्यक्रम के तकनीकी सत्र की अध्यक्षता विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर ए के डिमरी द्वारा की गई।

उन्होंने अपने व्याख्यान में बताया कि बहुत सारा ज्ञान पारंपरिक रूप से हमारी संस्कृति में पहले से ही विद्यमान है किंतु उस ज्ञान का व्यवसायिक प्रयोग करने के लिए उस ज्ञान या वस्तु का पेटेंट या कॉपीराइट करवाना आवश्यक होता है। साथ ही उन्होंने कार्यशाला के मुख्य वक्ताओं का परिचय भी दिया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉक्टर दीपक सेमवाल,असिस्टेंट प्रोफेसर उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय हर्रावाला देहरादून ने आयुष के विषय में विस्तृत जानकारी दी तथा ड्रग थेरेपी और ड्रग्लेस थेरेपी के विषय में रोचक तरीके से बताया भी। इसके साथ ही उन्होंने शोध में नैतिकता की भूमिका पर विस्तार से जानकारी दी। साथ ही उन्होंने बौद्धिक संपदा के विषय में अंतरराष्ट्रीय नियमावली के विषय में भी बताया ।

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में डॉक्टर मोहित गुप्ता असिस्टेंट प्रोफेसर पेट्रोलियम विश्वविद्यालय देहरादून ने इंटरनेशनल लॉ डॉक्यूमेंट के विषय में बताया।

उन्होंने कहा कि बौद्धिकता का मतलब मानवीय मस्तिष्क की सृजनात्मकता से है। उन्होंने बौद्धिक गतिविधियों, पेटेंट, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट डिजाइन एक्ट के विषय में विस्तार से बताया ।

इस अवसर पर प्रोफेसर आर एस गंगवार, डॉ आर एल केस्टवाल ,डॉ दी के भाटिया, डॉ आर पी बड़ोनी, डॉ नीलम ध्यानी, श्रीमती पूजा राठौड़, डॉ राजकुमारी, डॉ अमित गुप्ता, डॉ पूजा पालीवाल, डॉ मंजू गौतम,

डॉ सीमा, डॉ निरंजन प्रजापति, डॉ परवेज आलम, डॉ अविनाश भट्ट, डॉ विजय बहुगुणा, डॉ योगेश भट्ट, डॉ रूचि बहुखंडी, डॉक्टर पी एस चौहान, डॉ खुशीकांत बंगवाल, डॉ सुनील, डॉ मनोरथ नौगाई ,कर्मचारीवर्ग में श्री दीपक, श्री नरेंद्र ,श्री जय भगवान आदि मौजूद रहे ‌।

About The Author