December 3, 2025

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राजकीय महाविद्यालय तालेड़ा में भामाशाह सम्मान समारोह एवं पुस्तक विमोचन कार्यक्रम आयोजन

तालेड़ा,राजस्थान : राजकीय महाविद्यालय तालेड़ा के मुख्य भामाशाह डॉ. एस. एल. नागौरी के सम्मान में समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में महाविद्यालय की सहायक आचार्य डॉ. नेहा प्रधान की नव लिखित पुस्तक का विमोचन भी किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. एस. एल. नागौरी, विशिष्ट अतिथि डॉ. अरविंद सक्सेना, बूंदी स्काउट गाइड के सी ओ श्री सुरेश एवं श्रीमती मधु कुमावत तथा प्राचार्य महोदय द्वारा मां सरस्वती को माल्यार्पण कर हुआ।

बूंदी स्काउट गाइड के सी ओ श्री सुरेश व श्रीमती मधु ने स्काउट से संबंधी सभी जानकारी यथा रोवर रेंजर, स्काउट कैंप, स्काउट के तहत मिलने वाले बोनस अंक, राज्य पुरस्कार एवं राष्ट्रपति पुरस्कार के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की।

वहीं महाविद्यालय के विशिष्ट अतिथि महान शिक्षाविद् डॉ. अरविंद सक्सेना जी ने जीवन में अनुशासन व व्यवहार के प्रति हमेशा जागरूक रहने का संदेश दिया और कहा कि हमें किस राह पर जाना है व क्या बनना है यह पूर्णतया हमारे व्यवहार व अपने कार्य के प्रति जागरूकता पर निर्भर करता है।

महाविद्यालय के मुख्य अतिथि इतिहासविद डॉ. एस. एल. नागौरी जी ने महाविद्यालय प्राचार्य के नाम एक लाख रूपये का चेक देते हुए कहा कि जिस कार्य का श्रेय हम लेते हैं वास्तव में वो कार्य हमने किया ही नहीं होता है यह परमात्मा द्वारा बताया गया रास्ता है जिसपर हम चलते है, हम तो सिर्फ एक निमित्त मात्र हैं असली कार्य तो परमात्मा हमसे करवाता है। हमें कहॉं जाना है किससे मिलना है यह सब उस परमात्मा की इच्छा से होता है। साथ ही उन्होंने ध्यान और अनुशासन को अपने जीवन में अपनाने को लेकर विस्तारपूर्वक चर्चा की। इनसे मिलने वाले जीवन के लाभों पर विस्तृत जानकारी महाविद्यालय के विद्यार्थियों को दी।

महाविद्यालय के भामाशाह डॉ. एस. एल. नागौरी एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद् और ख्यातनाम इतिहासकार हैं, जिन्होंने इतिहास विषय में 151 पुस्तकों की रचना की है। इस अद्वितीय योगदान के लिए उन्हें तीन बार विश्व रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने का गौरव प्राप्त हुआ है। वर्ष 2017 में भारत की श्वेतांबर स्थानकवासी जैन कॉन्फ्रेंस, नई दिल्ली के अध्यक्ष द्वारा उन्हें “समाज भूषण“ का सम्मान प्रदान किया गया।

उन्हें “दानवीर भामाशाह“ की उपाधि से अलंकृत किया गया है। उनके मानवीय प्रयासों का दायरा बहुत विस्तृत है। 1992 से अब तक उन्होंने इन मानव सेवा कार्यों में लगभग 82 लाख रुपये निवेश किए हैं। उन्होंने विभिन्न कॉलेजों में लगभग 3 लाख रुपये की पुस्तकें भेंट की हैं। उनके प्रयास यह दर्शाते हैं कि शिक्षा केवल ज्ञान अर्जित करने का माध्यम नहीं, बल्कि समाज के कल्याण और जरूरतमंदों की मदद करने का साधन भी हो सकती है।

कार्यक्रम में महाविद्यालय की इतिहास विषय की सहायक आचार्य डॉ. नेहा प्रधान की नव लिखित पुस्तक ब्रजविलास संग्रहालय : काल और संस्कृति की पदचाप का विमोचन मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि तथा महाविद्यालय के प्राचार्य महोदय द्वारा किया गया। डॉ. प्रधान ने बताया कि यह मेरा सौभाग्य है कि मेरी पुस्तक का विमोचन मेरे तीन गुरुजनों के वरदहस्तों द्वारा हुआ है।

उन्होंने बताया कि डॉ. अरविंद जी सक्सेना उनके पीएच. डी. गाइड भी रहे है। कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय प्राचार्य ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि यह इस महाविद्यालय और यहां पढ़ रहे इन विद्यार्थियों का सौभाग्य है कि हमको डॉ. एस एल नागौरी सर और डॉ. अरविंद सक्सेना सर का संरक्षण प्राप्त हुआ। यह इस महाविद्यालय की नई शुरुआत है, परिवर्तन देखने के लिए सबसे पहले शुरुआत खुद से करनी पड़ती है इसमें संस्कार, व्यवहार और अनुशासन की आवश्यकता होती है।

कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ. नेहा प्रधान द्वारा किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त संकाय सदस्य सहायक आचार्य डॉ. सुलक्षणा शर्मा, डॉ. मोहम्मद हनीफ खान, डॉ. राजकुमार, डॉ. ऋतु वर्मा, सोनू कंवर राजावत, विशाल जांगिड़, विशाल वर्मा एवं अमन सेन उपस्थित रहे।

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