मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद ‘घन्ना भाई’ के निधन पर दुःख व्यक्त किया।

उन्होंने उनके आवास पर पहुंचकर शोक संतप्त परिजनों से भेंटकर सांत्वना दी और घन्ना भाई’ को श्रद्धान्जलि अर्पित की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि घनानंद जी की सरलता, मृदुता और अद्वितीय अभिनय शैली ने लोगों को न केवल हंसाया, बल्कि जीवन के कई महत्वपूर्ण पहलुओं को एक अलग दृष्टिकोण से देखने का नजरिया दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के फिल्म जगत और अभिनय के क्षेत्र में घनानंद के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। वे सदैव हमारे दिलों में जीवित रहेंगे।

उत्तराखंड के प्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद घन्ना भाई का आज लंबी बीमारी के चलते इंद्रेश अस्पताल में निधन हो गया.वह बीते चार दिनों से वेंटिलेटर पर थे. आज दोपहर लगभग 12:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली जिससे उत्तराखंड में शौक की लहर दौड़ गई।

उत्तराखंड सरकार में राज्य मंत्री रहे और साथ ही विधानसभा का चुनाव लड़ चुके घन्ना भाई को भाजपा की ओर से भी श्रद्धांजलि दी गई है ।

उत्तराखंड के प्रख्यात हास्य कलाकार घनानंद ‘घन्ना भाई’ अब इस दुनिया में नहीं रहे। घन्ना भाई पिछले चार दिनों से गंभीर हालात में एक निजी अस्पताल में वेंटिलेटर पर थे। आज दोपहर में उन्होंने अंतिम सांस ली। कल हरिद्वार में उनकी अंत्येष्टि की जाएगी। घन्ना भाई के निधन पर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी, लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी समेत संस्कृतिकर्मियों और उनके प्रशंसकों ने दुःख जाहिर किया है।

खबरों के अनुसार पूर्व में उन्हें पेसमेकर लगाया गया था। कुछ दिन पहले यूरिन की समस्या हुई थी, कुछ दिन पहले उन्हें रूटिन जांच के लिए श्री महंत इंद्रेश अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां रक्त चढ़ाने के दौरान उनकी हालत बिगड़ी। जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। मंगलवार दोपहर में घन्ना भाई दुनिया से विदा हो गए।

लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने सोशल मीडिया पर गढवाली भाषा में लिखा है कि अफु रवे भि होलू पर हमेशा हमथें हैंसाणु रै, पर आज हम सब्बू थें रूले गे…। भगवान ऊँका परिवार थें ये दुःख सहन करणा कि शक्ति प्रदान करो । इसके अलावा जागर सम्राट पद्मश्री प्रीतम भरतवाण, अभिनेता बलदेव राणा, किशना बगोट समेत कई कलाकारों और प्रशंसकों ने दुख जताया है।

मशहूर हास्य कलाकार घनानंद का जन्म साल 1953 में पौड़ी के गगोड़ गांव में हुआ था। घनानंद की कैंट बोर्ड लैंसडाउन जिला पौड़ी शिक्षा दीक्षा हुई। वर्ष 1970 में रामलीलाओं में उन्होंने बतौर हास्य कलाकार अभिनय का सफर शुरू किया। 1974 में रेडियो और बाद में दूरदर्शन में भी कई कार्यक्रम किए। वहीं, उन्होंने उत्तराखंड की कई फिल्मों घरजवैं, चक्रचाल, बेटी-ब्वारी, जीतू बगडवाल, सतमंगल्या, ब्वारी हो त यनि, घन्ना भाई एमबीबीएस, घन्ना गिरगिट, यमराज आदि समेत कई हास्य और संगीत एलबमों में अभिनय किया।

घन्ना भाई ने राजनीति में भी हाथ आजमाया था। भाजपा के टिकट पर वह 2012 में पौड़ी विधानसभा सीट पर चुनाव मैदान में उतरे थे। हालांकि वह चुनाव हार गए थे। पूर्ववर्ती राज्य सरकार में उन्हें राज्यमंत्री का दायित्व मिला था।

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