राजकीय कला कन्या महाविद्यालय में आज संगीत विभाग में सांस्कृतिक मंच के तत्वावध्यान में भागवत गीता पर व्याख्यान एवं भक्ति संगीत का कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में सर्वप्रथम सरस्वती माँ के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता मुंबई इस्कॉन से पधारे श्री कृष्ण गोविंद प्रभु का स्वागत प्राचार्य प्रोफ़ेसर सीमा चौहान एवं संगीत विभागाध्यक्ष प्रेरणा शर्मा द्वारा किया गया ।

श्रीमद् भागवत गीता का व्याख्यान करते हुए कहा गये कि यह गीता उपदेश श्री कृष्ण द्वारा ५००० वर्ष पूर्व जान कल्याण हेतु दिया गया था, उन्होंने गीता के प्रमुख ५ विषयों – ईश्वर, जीवात्मा, संसार, समय,काल एवं कर्म सिद्धांत की विस्तृत जानकारी दी।

शाश्वत आत्मा नश्वर शरीर में निवास करती है एवं आत्म साक्षात्कार की विधि द्वारा ही हम अपनी आत्मा के स्वरूप के बारे में जान सकते है। शरीर मृत पदार्थ से बना है इसलिए वह इंद्रियों से नियंत्रित होता है।

आत्म साक्षात्कार होने पर व्यक्ति ज्ञानी हो जाता है, वाया सुख दुख मृत्यु शोक सभी स्थितियों में सम भाव में रहता है।भौतिक ज्ञान से जीवन बनता है किंतु आध्यात्मक ज्ञान से व्यक्ति का जीवन बदल जाता है । महाविद्यालय की प्राचार्य ने कहा कि वर्तमान युग में मनुष्य की विविध समस्याओं का हर संभव समाधान भागवत गीता से प्राप्त होता है।

विभागाध्यक्ष प्रेरणा शर्मा ने छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें जीवन में भागवत गीता के उपदेशों का आत्मसाथ करने के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम में सांस्कृतिक मंच प्रभारी प्रेरणा शर्मा, डॉ. राजेंद्र माहेश्वरी, डॉ. पुनीता श्रीवास्तव, डॉ. संतोष मीणा एवं छात्राओं द्वारा भी भजन की सुंदर प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में डॉ बबीता सिंघल, डॉ बिंदु चतुर्वेदी, डॉ रेणु शर्मा, डॉ. अनीता तंबोली, डॉ. सोमवती शर्मा, डॉ. श्रुति अग्रवाल, डॉ. दीप स्वामी सहित विभिन्न संकाय सदस्य ने सहभागिता की।

कार्यक्रम का संचालन तबलवादक देवेंद्र सक्सेना द्वारा किया गया। तबले पर संगीत महाराज राव ने की । इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के अन्य कर्मचारियों ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।