• 27 फरवरी 2024 को जिलाधिकारी हरिद्वार ने जारी किया भूमि हस्तांतरण का शासनादेश

मुख्यमंत्री की घोषणा 1039/ 2021 के अनुपालन में पत्रांक 185711/ उत्तराखंड शासन देहरादून/ 30 जनवरी 2024/ डिग्री विकास / पत्रांक 6368 /31 जनवरी 2024/ निदेशालय हल्द्वानी के आदेशानुसार तथा तत्कालीन कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद के प्रयासों के द्वारा उनकी विधानसभा हरिद्वार (ग्रामीण) में जिले का राजकीय महाविद्यालय जो प्रदेश का 118 वा महाविद्यालय बना, का शासनादेश जिलाधिकारी हरिद्वार ने जारी कर दिया है।

और भूमि उच्च शिक्षा विभाग उत्तराखंड को हस्तांतरित कर दी गयी है । अपने आदेश संख्या 1489/ 27 फरवरी 2024 के द्वारा जिलाधिकारी हरिद्वार ने ग्राम सभा की जमीन को उच्च शिक्षा निदेशालय हल्द्वानी के नाम ट्रांसफर करके राजकीय महाविद्यालय का निर्माण करने का रास्ता साफ कर दिया।

अब उच्च शिक्षा विभाग उत्तराखंड जल्द ही DPR तैयार कराके इसका एस्टीमेट सरकार के पास भेजेंगे और फिर किसी सरकारी संस्था के द्वारा यहां पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

अवगत कराना है कि यह जिले का अकेला महाविद्यालय है जो NEP 2020 के अकॉर्डिंग 21 विषयो में कक्षाये 1 अप्रैल 2024 से शुरू करने जा रहा है जिसके लिए नोडल अधिकारी प्रोफेसर सत्येंद्र कुमार, जो राजकीय मॉडल महाविद्यालय मीठीबेरी में कार्यरत है, ने स्थाई भूमि हस्तांतरण कराने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जिसमें जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, कानूनगो, लेखपाल ग्राम प्रधान सभी से मिलना।

सभी से रिपोर्ट को लाना, फिर चयन समिति के द्वारा उसको पास कराना आदि आदि कार्य के लिए एक माह का समय लगा । डॉ कुमार ने बताया कि सभी अधिकारियों ने तहे दिल से इस कार्य में सहयोग दिया और कम समय में अपने रिपोर्ट को देकर के इसको अपने अंजाम तक पहुंचाया ।

अगले चरण में अब अस्थाई व्यवस्था के लिए कार्य शुरू कर दिया है । जल्द ही अस्थाई व्यवस्था हो जाने पर उसकी रिपोर्ट उच्च शिक्षा निदेशालय हल्द्वानी को प्रेषित कर दी जाएगी ।

अस्थाई व्यवस्था के लिए 6-7 कमरो की आवश्यकता पड़ेगी जिसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी व खंड शिक्षा अधिकारी हरिद्वार से मुलाकात करके व्यवस्था की जाएगी। साथ ही ग्राम प्रधान राजेश वर्मा की सहायता से यह कार्य पूर्ण किया जाएगा ।

इस कार्य के लिए जिला पंचायत सदस्य सोनवीर व आशु चौधरी के द्वारा सहयोग प्रदान किया जा रहा है और साथ ही पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद की सहायता भी ली जा रही है।