राजकीय महाविद्यालय चिन्यालीसौड़, उत्तरकाशी के वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा बीएससी तृतीय वर्ष के छात्र-छात्राओं का चार दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण एवं प्रशिक्षण संपन्न।

राजकीय महाविद्यालय चिनियालीसौड उत्तरकाशी के वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा बीएससी तृतीय वर्ष के छात्र-छात्राओं को वनस्पति विज्ञान के विभाग प्रभारी डॉ अशोक कुमार अग्रवाल के निर्देशन में वन अनुसंधान संस्थान देहरादून, आंचलिक विज्ञान केंद्र झांझरा देहरादून, एक दिवसीय प्रशिक्षण डॉल्फिन पीजी इंस्टिट्यूट ऑफ़ बायोमेडिकल एंड नेचुरल साइंस देहरादून, देहरादून जू आदि का भ्रमण कराया गया।

शैक्षणिक भ्रमण पर जाने से पहले छात्र छात्राओं को महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर प्रभात द्विवेदी ने शैक्षणिक भ्रमण के महत्व को बताया और कहा कि शैक्षणिक भ्रमण विद्यार्थियों के संपूर्ण व्यक्तित्व

विकास के लिए महत्वपूर्ण है और शैक्षणिक भ्रमण की शुभकामनाएं दी । इस अवसर पर वनस्पति विज्ञान के विभाग प्रभारी डॉ अशोक कुमार अग्रवाल ने कहा कि शैक्षणिक भ्रमण के अनेकों लाभो में कौशल विकास सबसे महत्वपूर्ण है । शैक्षणिक भ्रमण का मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओं को क्लासरूम व लैब के अलावा अनुसंधान केंद्रो का अनुभव प्रदान कराना है ।

शैक्षणिक भ्रमण छात्र-छात्राओं को अपने और दूसरे के अनुभव से सीखने का एक अच्छा अवसर देते हैं । जब विद्यार्थी शैक्षणिक भ्रमण पर जाते हैं तो वे अपनी आंखों से प्रत्यक्ष रूप में देखकर किसी भी विषय वस्तु का वर्णन करने में सक्षम हो जाते हैं।

शैक्षणिक भ्रमण के प्रथम दिवस में वन अनुसंधान संस्थान देहरादून में छात्र-छात्राओं ने मुख्य भवन का वास्तु शिल्प साथ ही वहां पर स्थित पैथोलॉजी संग्रहालय, सामाजिक वानिकी संग्रहालय, वन संवर्धन संग्रहालय, लकड़ी संग्रहालय‌, वन उत्पाद संग्रहालय, कीट विज्ञान संग्रहालय एवं टैक्सनॉमी विभाग में सबसे पुराने हरबेरियम का भी अवलोकन किया एवं टैक्सनॉमी विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ प्रवीण वर्मा ने हरबेरियम निर्माण के विषय में विस्तार से बताया साथ ही सेंटर आफ एक्सीलेंस के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर संजय सिंह ने वन संवर्धन और संरक्षण के विषय में छात्र छात्राओं को विस्तार से जानकारी दी ।

शैक्षणिक भ्रमण के द्वितीय दिवस में आंचलिक विज्ञान केंद्र झांझरा, देहरादून का भ्रमण कराया गया, जिसमें विज्ञान पार्क में स्थित डायनासोर पार्क, वैज्ञानिक कानून पर आधारित आउटडोर इंटरएक्टिव प्रदर्शन पार्क शामिल है ।

जबकि मुख्य भवन में फन साइंस गैलरी, हिमालय गैलरी, फ्रंटियर्स ऑफ़ टेक्नोलॉजी गैलरी, इन्नोवेशन हब, 3D थिएटर, तारामंडल, ग्रेविटी चेयर, व्हिस्परिंग गार्डन, म्यूजिकल बार सिंपैथेटिक, स्विंग बर्ड इन द, केज,इको ट्यूब और पर्सपेक्टिव हाउस आदि का भ्रमण किया, साथ ही स्मार्ट कृषि परमाणु ऊर्जा उत्पादन में नया चलन, क्लाउड कंप्यूटिंग, रोबोटिक और कार्बन नैनो ट्यूब पर ग्राफीन, ए आर,वी आर, चिकित्सा प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष विज्ञान, वर्चुअल रियलिटी तरल नाइट्रोजन के उपयोग आदि के बारे में जाना ।

हिमालय गैलरी में भू विज्ञान, भूगोल पर्यटन, संस्कृति और पारंपरिक ज्ञान प्रणाली को जाना साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में एक विज्ञान व्याख्यान का आयोजन भी किया गया । आंचलिक विज्ञान केंद्र के प्रमुख ओपी रावत, नितिन कपिल, अंकित कुमार आदि ने छात्र-छात्राओं को विज्ञान केंद्र भ्रमण में सहयोग किया ।

शैक्षणिक भ्रमण के तृतीय दिवस में छात्र-छात्राओं ने डॉल्फिन पीजी इंस्टीट्यूट आफ बायोमेडिकल एंड नेचुरल साइंस देहरादून द्वारा स्किल इन्हेस्टमेंट एंड इंडस्ट्रियल ओरियंटेशन इन मल्टीडिसीप्लिनरी साइंस पर आधारित एकदिवसीय प्रशिक्षण में भाग लिया ।

जिसमें माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्राध्यापक डॉ अशोक कुमार सिंह ने इंडस्ट्रियल एप्लीकेशन में माइक्रोबायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी विभाग के प्राध्यापक डॉ शालिनी सिंह ने इंस्ट्रूमेंटेशन टेक्निक्स इन प्लांट टिश्यू कल्चर, जंतु विज्ञान विभाग के प्राध्यापक डॉ डीके भारद्वाज ने टेक्निक्स आफ कलेक्शन प्रिजर्वेशन/आईडेंटिफिकेशन एंड म्यूजियम प्रिपरेशन, वनस्पति विज्ञान के अध्यापक डॉ के पी त्रिपाठी ने हरबेरियम टेक्निक्स, फार्मास्यूटिकल केमेस्ट्री और केमिस्ट्री विभाग के प्राध्यापक डॉ वर्षा पार्चा ने करियर ऑपच्यरुनिटीज इन इंडस्ट्री एंड रिसर्च के विषय में छात्र-छात्राओं को विस्तार से बताया ।

प्रशिक्षण के पश्चात संस्थान की प्राचार्य डॉ शैलजा पंत, प्रशिक्षण के संयोजक डॉ आशीष रतूड़ी, डॉ ज्ञानेंद्र अवस्थी डॉ चंचल गोयल ने छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र वितरित किए और भविष्य की शुभकामनाएं दी ।

भ्रमण के चतुर्थ दिवस में छात्र-छात्राओं ने देहरादून- जू का भ्रमण किया और वहां पर स्थित दो सींग वाले हिरण, तेंदुए, नीलगाय ईमु, शुतुरमुर्ग, मगरमच्छ और कछुए जैसी विभिन्न पशु प्रजातियों एवं पक्षी शाला में तोता, मोर, उल्लू, तोता और मकाऊ सहित कई प्रजातियों के विषय में जाना । जु-मै स्थित मछली एक्वेरियम, स्नेक वर्ल्ड, कैक्टस गार्डन का भ्रमण किया और विभिन्न प्रजातियों के विषय में नजदीक से जाना ।

देहरादून – जू को जंगली जानवरों के पूर्व स्थित संरक्षण, जैव विविधता संरक्षण, शिक्षा केंद्र और जंगली जानवरों के लिए एक बचाव केंद्र के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से बनाया गया है ।

इस अवसर पर शैक्षणिक भ्रमण के परिपेक्ष में डॉक्टर अशोक कुमार अग्रवाल ने कहा कि यह चार दिवसीय भ्रमण एवं प्रशिक्षण छात्रों के कौशल विकास में भविष्य के लिए लाभकारी होगा।