आज दिनांक 7 फरवरी 2024 को ओंकरानंद सरस्वती राजकीय महाविद्यालय देवप्रयाग में प्राचार्य प्रो0 प्रीति कुमारी की अध्यक्षता में ‘समान नागरिक संहिता’ पर राजनीति विज्ञान विभाग ने एक संगोष्ठी का आयोजन किया ।

प्रोग्राम की शुरुआत करते हुए प्राचार्य प्रो प्रीति कुमार ने कहा कि समान नागरिक संहिता अर्थात यूनिफॉर्म सिविल कोड सामाजिक मामलों से संबंधित कानून होता है जो सभी पंथ के लोगों के लिए विवाह, तलाक, भरण पोषण, विरासत व बच्चा गोद देने आदि में समान रूप से लागू होता है।

इसमें अलग-अलग पंथ् के लिए अलग-अलग सिविल कानून न होकर एक समान नागरिक संहिता का पालन किया जाता है ।

प्रोग्राम को आगे बढ़ाते हुए राजनीति विज्ञान की डॉ अर्चना धपवाल नें बताया की भारतीय संविधान के भाग 4 अनु0 44 में स्पष्ट उल्लेख है कि राष्ट्र भारत के सम्पूर्ण क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता में सुरक्षित करने का प्रयास करेगा।

उन्होंने कहा की UCC के द्वारा एक देश में एक जैसा कानून होने पर एकता का संदेश प्रसारित होगा, जिससे देश की एकता एवं अखण्डता बनी रहेगी। महिला सुरक्षा एवं महिलाओं के विकास हेतु यह कानून लाभदायक होगा।

डॉ० सोनिया ने समान नागरिक संहिता के इतिहास, संवैधानिक उल्लेख, उद्देश्य व इसके विरोध के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की ओर UCC के तहत शादी, तलाक, सम्पत्ति व उत्तराधिकार के बारे में UCC के प्रावधानों को छात्र-छात्राओं को जानकारी दी।

इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे ।