आज 12 जनवरी 2024 को राजकीय महाविद्यालय नैनबाग टिहरी गढ़वाल की एनएसएस ईकाई के द्वारा इसे राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया ।

इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर सुमिता श्रीवास्तव ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार प्रस्तुत करते हुए विवेकानंद के बारे में विस्तृत जानकारी दी ।

उन्होंने स्वयं सेवियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि हमारे देश में प्रत्येक 12 जनवरी को युवा दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है ।उन्होंने स्वामी विवेकानंद के मानव निर्माण, चरित्र निर्माण और राष्ट्र निर्माण के संबंध में विचारों को साझा किया ।

विवेकानंद जी के द्वारा दी गई मूल्यवर्धक शिक्षा वर्तमान में भी प्रासंगिक है अर्थात युवाओं को विवेकानंद की शिक्षाओं को ग्रहण करना चाहिए ।

इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ0 दिनेश चंद्र ने वर्ष 2024 की थीम *विकसित युवा विकसित भारत* की जानकारी दी ।

विवेकानंद जी ने 1893 ई0 में शिकागो विश्व धर्म सम्मेलन में जो दरिद्र नारायण की कथा सुनाई थी उसकी जानकारी दी और कहा कि विवेकानंद ने अन्न को ही ब्रह्म माना था उनका मानना था कि दुखी मानव, पीड़ित मानव और समाज का सबसे असहाय मानव ही मेरा धर्म है यही मेरा देवता है ।

अर्थात मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है । इसके पश्चात स्वयंसेवियों के लिए पोस्टर प्रतियोगिता, क्विज और निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया ।

इस अवसर पर भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ0 ब्रीश कुमार, अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष श्री परमानंद चौहान, समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष श्री संदीप कुमार , राजनीति विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ0 मधुबाला जुवाँठा , अंग्रेजी विभागाध्यक्ष श्री चतर सिंह , कार्यालय से श्री भुवन चंद्र डिमरी, अनु सेवक श्री रोशन रावत व श्री अनिल और स्वयंसेवी उपस्थित रहे ।