जीतिन चावला,एनटीन्यूज़:  वीएसकेसी रा० स्ना० महाविद्यालय,डाकपत्थर देहरादून के अंतर्गत आजादी के अमृत महोत्सव के तत्वाधान में ऑनलाइन विशेष व्याख्यान श्रृंखला के तेरवें चरण में मुख्य वक्ता, डॉ मानसिंह शम्भाजीराव दबडे, विभाग प्रभारी, वाणिज्य संकाय, एस बी एस के पाटिल कॉलेज, कुरुन्दावड, कोल्हापुर, महाराष्ट्र द्वारा “अनुसंधान और अनुसंधान पद्धति का महत्व” विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के संरक्षक, प्राचार्य प्रोफ(डॉ) जी आर सेमवाल द्वारा की गई। प्राचार्य द्वारा सभी छात्र व छात्रों को अनुसंधान या शोध व इसके महत्व पर बताया गया कि शोध का अपना महत्व है, ये मानव ज्ञान को दिशा देने, व्यावहारिक समस्याओं का समाधान करने, पूर्वाग्रहों के निदान एवं निवारण में सहायक, सामाजिक विकास में सहायक व मुख्य रूप से शोध से व्यक्ति का बौद्धिक विकास होता है।

कार्यक्रम का संचालन डा राजेन्द्र प्रसाद बडोनी, वाणिज्य विज्ञान विभाग द्वारा किया गया।

कार्यक्रम संयोजक डॉ राकेश कुमार जोशी, समन्वयक डॉ. राकेश मोहन नौटियाल, आयोजन सचिव डॉ. दीप्ति बगवाड़ी, आयोजन समिति सदस्यों में डॉ आशाराम बिजल्वाण,डा कामना लोहनी,डॉ. नीलम ध्यानी, डॉ. विनोद रावत, डॉ माधुरी रावत व डा अमित गुप्ता द्वारा व्याख्यान व्यवस्था देखी गई। डॉ. देवड़े द्वारा बताया गया की किसी भी क्षेत्र में ज्ञान की खोज करना या विधिवत गवेषणा करना सोदिया अनुसंधान कहलाता है सामान्यता नवीन वस्तुओं की खोज और पुराने वस्तुओं एवं सिद्धांतों की खोज पुनः परीक्षण करना ही शोध कहलाता है अगर देखा जाए तो शोध उस प्रक्रिया का नाम है जिसमें वैज्ञानिक विधि से तथ्यों का संकलन कर सूक्ष्म ग्राही से विवेचना करके उसका विश्लेषण करके नए तथ्यों या सिद्धांतों का निर्माण करना होता है इस समस्त प्रक्रिया को ही शोध या अनुसंधान कहा जाता है शोध के लिए अंग्रेजी में रिसर्च शब्द का प्रयोग किया जाता है। रिचर्स मूल रूप से लैटीन के ‘री’ अर्थात दुबारा और ‘सर्च’ अर्थात खोजना से बना है। वैज्ञानिक पद्धति द्वारा ज्ञान प्राप्त करने का निरंतर प्रयास ही शोध होता है।

डॉ देवड़े ने बताया कि अध्ययन से दीक्षित होकर शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करते हुए शिक्षा में या अपने शैक्षिक विषय में कुछ नया जोड़ने की क्रिया अनुसंधान या शोध कहलाती है ।

व्याख्यान मे प्राध्यापक वर्ग मे डॉक्टर आशुतोष त्रिपाठी,डा एम एस पंवार, डॉक्टर मुक्ता डंगवाल,डॉ निरंजन प्रजापति, डा रोहित शर्मा, डॉ अनुराग भंडारी, डा दर्शन सिंह आदि , व छात्र-छात्रा वर्ग में वैशाली, हरदीप, शिल्पा, पीयूष, शिल्पी, सोनम, निकिता, काजल, प्रीति, मनोज, अनस, आशीष, शिवांगी, अनमोल, मनीषा, गौरी आदि उपस्थित रहे।

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