इंदर सिंह रावत राजकीय महाविद्यालय पौखाल, टिहरी गढ़वाल में आज शिक्षक दिवस का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय में भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और द्वितीय राष्ट्रपति, महान दार्शनिक और शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्मदिन हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

प्राचार्य डॉ. ए. एन. सिंह ने डॉ. राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पुष्प अर्पित किए और दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

अपने संबोधन में प्राचार्य ने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन केवल एक महान शिक्षक ही नहीं बल्कि एक प्रख्यात दार्शनिक और विचारक भी थे। डॉ. राधाकृष्णन ने भारतीय और हिंदू दर्शन के मूल तत्वों को पश्चिमी जगत से परिचित कराया। डॉ. राधाकृष्णन ने पाश्चात्य जगत को भारतीय दर्शन से परिचित कराया। डॉ. राधाकृष्णन ने अपनी पुस्तकों के माध्यम से दर्शन के गूढ़ रहस्यों को आम जनमानस तक पहुंचाया। प्राचार्य ने उनके राजनयिक जीवन के कुछ महत्वपूर्ण प्रसंगों को साझा करते हुए बताया कि वे राजनयिक रहते हुए भी कूटनीतिज्ञ से ज्यादा एक शिक्षक के रूप में सहज रहते थे।

कार्यक्रम का आयोजन डॉ. अंधरूती शाह के निर्देशन में किया गया। अपने संबोधन में डॉ. शाह ने शिक्षक दिवस की महत्ता पर प्रकाश डाला।

तत्पश्चात डॉ. बालक राम भद्री व डॉ. अनुरोध प्रभाकर ने डॉ. राधाकृष्णन के शिक्षक जीवन से जुड़े प्रेरक प्रसंगों की चर्चा की। उन्होंने छात्रों को डॉ. राधाकृष्णन के जीवन के आदर्शों से प्रेरित होने की सलाह दी।

इस दौरान बी.ए. प्रथम सेमेस्टर की छात्राओं कु. साक्षी भंडारी एवं कु. आंचल ने भी डॉ. राधाकृष्णन की जीवनी और आदर्शों पर प्रकाश डाला।

इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. अवधेश नारायण सिंह, डॉ. अंधरूती शाह, डॉ. बालक राम भद्री, डॉ अनुरोध प्रभाकर, डॉ. के.एल. गुप्ता, डॉ. पंकज यादव, डॉ. श्याम कुमार और छात्र-छात्रा उपस्थित रहे।

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