उत्तराखंड: आई फ्लू के बढ़ते प्रकोप को ध्यान में रखते हुए अब उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सुरक्षित और स्वस्थ रखने के लिए अहम गाइडलाइंस जारी की है।
राज्य कोई भी हो कंजेक्टिवाइटिस से बच्चे युवा और बुजुर्ग सभी पीड़ित हो रहे हैं । अब उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सुरक्षित और स्वस्थ रखने के लिए अहम गाइडलाइंस जारी की है वहीं हेल्थ सेक्रेटरी डॉ आर राजेश कुमार भी फ्रंट पर मोर्चा सम्हालते हुए सीधे मोनिटरिंग करते हुए सभी जरूरी एहतियात बरतने के निर्देश दे रहे हैं।
उत्तराखंड में कंजेक्टिवाइटिस यानि आई फ्लू के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। राज्य के सभी जिला अस्तपालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के साथ ही प्राइवेट अस्पतालों में रोजाना कंजेक्टिवाइटिस यानि आई फ्लू के मरीज पहुंच रहे हैं। हांलाकि आई फ्लू के मरीजों की संख्या में इजाफा देखते हुए अस्पताल प्रबंधन भी लगातार लोगों से आइसोलेट होने को कह रहा है। वहीं अब स्वास्थ्य विभाग ने कंजेक्टिवाइटिस यानि आई फ्लू को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है।
स्वास्थ्य सचिव की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि वर्तमान में कन्जक्टिवाइटिस (आई फ्लू) रोग एक प्रमुख जन स्वास्थ्य समस्या के रूप में परिलक्षित हो रहा है जो कि एलर्जी, बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के कारण हो सकता है।
कंजंक्टिवाइटिस किसी संक्रमित व्यक्ति की आंखों के तरल पदार्थ के संपर्क में आने से फैलता है और काफी संक्रामक हो सकता है। अपने जनपद में कन्जक्टिवाइटिस रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु चिकित्सालय स्तर पर समस्त आवश्यक औषधियों की उपलब्धता एवं अन्य तैयारियां सुनिश्चित रखें। अगर कन्जक्टिवाइटिस रोग की रोकथाम करनी है तो आम जनमानस के मध्य जागरूकता बढ़ाने की ज़रूरत है।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा यदि आपको अपनी आंखों में आई फ्लू के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो इस बारे में किसी विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करके इलाज कराएं। खुद से ही या ओवर द काउंटर दवाओं या आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल न करें, इससे जोखिम बढ़ सकता है।
अगर आप कंजक्टिवाइटिस (आई फ्लू) के लक्षण से अनजान हैं तो यहां पढ़िए पूरी जानकारी –
आंख की बाहरी झिल्ली और पलक के भीतरी हिस्से में सूजन या संक्रमण।