श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के देवभूमि उद्यमिता केंद्र द्वारा उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तहत युवाओं को दिया जा रहा स्वरोजगार सबन्धित प्रशिक्षण।
श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के देवभूमि उद्यमिता केंद्र द्वारा युवाओं को स्वरोजगार संबंधित प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। उत्तराखंड सरकार के देवभूमि उद्यमिता योजना के तहत, भारतीय उद्यमिता संस्थान, अहमदाबाद के साथ सहयोग से 12-दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
देवभूमि उद्यमिता योजना, की नोडल अधिकारी, प्रोफेसर अनिता तोमर ने बताया कि इस कार्यक्रम के द्वितीय दिन, श्री दीपक चौहान और श्री कार्तिकेय रैना ने नए उद्यमों के लिएनवाचार की महत्ता, स्टार्टअप्स, विभिन्न एजेंसियों की भूमिका और योजनाएं, उद्यम की स्थापना के लिए आवश्यकताएं, और व्यावसायिक प्रभाव की पहचान पर विस्तार से चर्चा की।
वक्ताओं ने बताया कि आधुनिक युग में उद्यमिता की महत्ता को लेकर जागरूकता में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है और स्टार्टअप्स के क्षेत्र में नए नवाचारों को समझने और इसे प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न एजेंसियाँ योजनाएं बना रही हैं।
उन्होंने कहा कि उद्यमिता के क्षेत्र में काम करने वालों को निवेश, तकनीकी सहायता, बाजार की समझ जैसी अनेक आवश्यकताओं का सामना करना पड़ता है और इसके लिए व्यावसायिक प्रभाव की पहचान आवश्यक है। उन्होंने यह भी बताया कि उद्यमिता के क्षेत्र में नए नवाचारों की महत्ता को अधिक से अधिक उद्यमियों और नवाचारी उत्पादों के लिए संबोधित किया जा रहा है।
उद्यमिता के क्षेत्र में नए नवाचारों को पहचानने और समझने के लिए विभिन्न अनुसंधान कार्य किया जा रहा है, जिससे वे समाज में नये और सकारात्मक प्रभाव डाल सकें। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षा संस्थानों में उद्यमिता को बढ़ावा देकर स्थानीय लोगों को आगे बढ़ाना है।
उन्होंने कहा कि उद्यमिता कार्यशाला के माध्यम से नए उद्यमियों को जो उद्यम लगाने के इच्छुक हैं, उन्हें हर संभावित सहायता और बाजार की सुविधा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि उद्यमियों को यह समझना चाहिए कि उन्हें किसी भी समय सहायता की उम्मीद नहीं होनी चाहिए और उन्हें उत्पाद की गुणवत्ता के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करना चाहिए।
देवभूमि उद्यमिता केंद्र के मेंटर, प्रोफेसर धर्मेन्द्र तिवारी, ने आज के मुख्य वक्ताओं का परिचय दिया और कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए समन्वय किया। डॉ. दीपक चौहान, जो उद्यमिता और सॉफ्ट स्किल्स प्रशिक्षक हैं, के पास 23 साल का व्यापारिक, शैक्षिक और प्रशिक्षण क्षेत्र में अनुभव है।
वर्तमान में उत्तराखंड सरकार और EDII-अहमदाबाद (देवभूमि उद्यमिता योजना) के साथ उद्योग विशेषज्ञ और मेंटर के रूप में जुड़े हैं। उन्होंने उद्यमिता और कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से नियमित रूप से बूट कैम्प, उद्यमिता अभिविन्यास वर्कशॉप, और उद्यमिता विकास कार्यक्रम के प्रति समर्पित हैं।
डॉ. कार्तिकेय रैना, आईआईएम जम्मू के एक पूर्व छात्र, और प्रे शिक्षक हैं, जिनके पास हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर (LMS, डिजिटल ग्रेड बुक, डिजिटल एप्लिकेशंस), आईपीआर, विपणन प्रबंधन, और डिजिटल मार्केटिंग के शिक्षण अनुभव है। उनके कुशल मेन्टोरशिप के तहत 5 छात्रों ने भारत के विभिन्न शहरों में अपना व्यवसाय शुरू किया है।
इस संबंध में, श्रीदेव सुमन यूनिवर्सिटी के वाईस-चांसलर, माननीय प्रोफेसर एन.के. जोशी ने कहा कि देवभूमि उद्यमिता विकास योजना उद्यमिता क्षमता को बढ़ाने का मंच प्रदान करेगा और यह योजना उद्यमिता क्षेत्र में नए प्रेरणास्त्रोत उत्पन्न करने में मदद करेगी।
उन्होंने सामूहिक जिम्मेदारी का भी जिक्र करते हुए कहा कि प्रत्येक प्रतिभागी को उद्योगिता के क्षेत्र में अपने सपनों को साकार करने के लिए आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प के साथ काम करना चाहिए। इस अवसर पर उत्तराखंड में बाजार की संभावनाओं और उद्यम की स्थापना करने में होने वाली चुनौतियों से प्रतिभागियों को अवगत कराया।
परिसर निदेशक प्रोफेसर एमएस रावत ने उद्यमिता विकास कार्यक्रम के दूसरे दिन को सफलतापूर्वक संपन्न करने के लिए देवभूमि उद्यमिता योजना पूरी टीम बधाई दी।