ओंकारानंद सरस्वती राजकीय महाविद्यालय देवप्रयाग टिहरी गढ़वाल में नमामि गंगेऔर आई. क्यू.ए.सी.के संयुक्त तत्वावधान में गंगा स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत् विश्व जल दिवस की पूर्व संध्या पर महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर प्रीति कुमारी की अध्यक्षता में जल संरक्षण एवं संवर्धन विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

संगोष्ठी का संचालन करते हुए डा.एम.एन.नौडियाल ने गंगा के सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक महत्व पर प्रकाश डाला। तत्पश्चात् नमामि गंगे की नोडल अधिकारी शीतल वालिया ने छात्र छात्राओं को नमामि गंगे के तहत किए जाने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी।

संगोष्ठी के मुख्य वक्ता डा.जी.पी.थपलियाल ने विश्व की ज्वलंत समस्याओं में जल के अभाव पर कहते हुए छात्र छात्राओं को जानकारी दी कि अगला विश्व युद्ध जल के लिए होगा। आने वाले समय में आबादी के बढ़ने और जल के घटने से राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जल के लिए संघर्ष होगा। भोगवादी नीतियों,तथा प्राकृतिक संसाधनों के आवश्यकता से अधिक दोहन किये जाने के कारण गंगा की 95 सहायक नदियों में से 26 नदियां सूख चुकी हैं तथा 21नदियां सूख रही हैं।

डा. अर्चना धपवाल ने कहा कि जल है तो कल है।जल के बिना जीवन की कल्पना करना असंभव है।

महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर प्रीति कुमारी जी ने जल दिवस की आवश्यकता क्यों पड़ी इस बात को आत्म मूल्यांकन कर विचारों को व्यवहार में उतारने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का असीमित दोहन किए जाने के कारण अनेक प्राकृतिक संकट पैदा हुए हैं।

जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।

संगोष्ठी में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक, कर्म चारी एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।