राजकीय कला कन्या महाविद्यालय, कोटा में आज नवाचार एवं कौशल विकास प्रकेाष्ठ के तत्वावधान में आयोजित ‘‘साक्षात्कार तकनीक’’ विषयक दो दिवसीय कार्यशाला के द्वितीय दिवस एड्बिस आटोमेशन प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी के निदेशक श्री पवन सोनी द्वारा साक्षात्कार देने जाने से पूर्व ध्यान में रखने योग्य बातों पर विस्तारपूर्वक बताया गया।
सफलता हासिल करने की इच्छुक प्रतिभागी को पहले ही पूछे जाने वाले सम्भावित प्रश्नों की सूची बना लेनी चाहिए, साथ ही संक्षिप्त उत्तर भी तैयार कर लेने चाहिए। अधिकतर व्यक्ति की रूचि तथा प्रबन्ध कला के बारे में भी साक्षात्कार के समय पूछा जाता है। अतः इस हेतु भी मानसिक रूप से तैयार हो कर जायें।
रेज्यूमे में वर्णित योग्यताओं और अनुभवों के प्रमाण-पत्र को क्रमवार फाईल कर अपने साथ रखने से साक्षात्कार के समय व्यक्ति ज्यादा व्यवस्थित दिखाई देगा जो कि साक्षात्कारकर्ता के समक्ष सकारात्मक छवि प्रस्तुत करेगा। चूंकि परिधान व्यक्तित्व का प्रतिबिम्ब होता है अतः शालीन एवं औपचारिक परिधानों का चयन करना चाहिए।
साक्षात्कार के समय से आधा घण्टे पूर्व पहुंचने से अपरिचित माहौल का मनोवैज्ञानिक दबाव कम हो जाता है। साथी प्रतिभागियों से बात कर माहौल को जानकर व्यक्ति सहज हो जाता है, जिससे साक्षात्कार में अच्छा प्रदर्शन कर सकता है।
कई बार नौकरी देने वाले स्वयं प्रतिभागियों से इच्छित वेतन के बारे में जानकारी चाहते हैं, उस परिस्थिति में स्वयं की क्षमताओं और कम्पनी की साख के अनुसार वेतन के बारे में जानकारी देना उचित रहता है। श्री पवन सोनी ने वर्तमान में पार्ट टाईम कार्य कर रही कुछ छात्राओं से उनके साक्षात्कार के समय के अनुभव जाने।
छात्रा असना खानम, दीपिका गौतम, विनिता सोनी आदि छात्राओं के द्वारा माॅक इंटरव्यू दिया गया, जिसमें कि साक्षात्कारकर्ता द्वारा कई विषयों पर आधारित प्रश्न पूछकर नौकरी के लिये आपकी उपयुक्तता के बारे में तथा क्या अपेक्षाएं हैं पर चर्चा की गई।
छात्राओं को शारीरिक भाषा के बारे में क्या आवश्यक ध्यान देने योग्य बातें हैं इसकी जानकारी प्रदान की गई। दबाव के अन्दर प्रतिभागी किस प्रकार अपनी नौकरी के साथ न्याय करेगा यह भी एक आवश्यक प्रश्न है, जिस हेतु अभ्यर्थी को तैयार रहना चाहिए। संस्थान की प्रणिका विजयवर्गीय, दीपक सेन तथा आहाना द्वारा सहयोग किया गया। एड्बिस आॅटोमेशन प्राईवेट लिमिटेड द्वारा आयोजित कार्यशाला को महाविद्यालय प्राचार्य प्रोफेसर सीमा चैहान द्वारा अत्यन्त लाभकारी बताया गया।
आपने बताया कि इस संस्थान के साथ महाविद्यालय दो वर्ष का अनुबन्ध कर चुका है, जिसके अन्तर्गत इस प्रकार के कार्यक्रम, प्रशिक्षण व संक्षिप्त कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा और छात्राओं को भागीदारी रखकर इसका लाभ लेना चाहिए।
नवाचार एवं कौशल विकास प्रकोष्ठ प्रभारी प्रोफेसर सुनीता शर्मा द्वारा कार्यशाला में उपस्थित सभी छात्राओं को प्रेरित किया कि इस कार्यशाला से ग्रहण की गई बातों को अपनी कार्यशैली में समाहित कर अपने कैरियर की तैयारी करें और सफलता हेतु आश्वस्त हो प्रयास करें। कार्यक्रम में प्रो. मीरा गुप्ता, प्रो. श्रुति अग्रवाल तथा प्रो. ज्योति सिडाना उपस्थित रहें।