राजकीय कला कन्या महाविद्यालय कोटा के दिशा केंद्र एवं आदित्य बिरला एजुकेशन ट्रस्ट से सम्बद्ध कोप संस्था के संयुक्त तत्वाधान में संचालित तीन दिवसीय मानसिक स्वास्थ्य प्रशिक्षण कार्यशाला आज सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई।
प्रारम्भ में तीन दिवसीय कार्यशाला में प्राप्त प्रशिक्षण में छात्राओं ने जो कुछ सीखा उसे वहां उपस्थित सभी सहभागी छात्राओं के साथ साझा किया।
प्रशिक्षणार्थी सबा, प्राप्ति, इशिका, खुशी, मोहिनी, पल, पूनम, परीक्षिता, यशिका और चंचल ने अपने अनुभवों में बताया कि इस प्रशिक्षण के दौरान ऐसी बहुत सी बाते थी जो उन्हें पहली बार पता चली जैसे कौन कौन से मानसिक रोग होते हैं, उनका हमारे सामाजिक जीवन पर क्या क्या प्रभाव पड़ता है।
उनका सामना कैसे किया जा सकता है और मानसिक चुनौतियों का सामना करते समय किन किन से मदद ली जा सकती है या ली जानी चाहिए।
दिशा केंद्र की सदस्य डॉ ज्योति सिडाना ने एक शोध रिपोर्ट के हवाले से बताया 88 प्रतिशत कॉलेज छात्र स्कूल समय से ही तनावपूर्ण जीवन का सामना कर रहे हैं, 60 प्रतिशत कॉलेज छात्रों ने अपने जीवन में किसी न किसी मानसिक चुनौती का सामना किया है जबकि लगभग आधे छात्रों ने यह भी स्वीकारा कि इन समस्याओं की वजह से अक्सर वे नशीले पदार्थों का उपयोग करने लगते हैं।
महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. सीमा चौहान ने बच्चो के फीडबैक को सुनने के बाद खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आज जिस तरह समाज में तनावपूर्ण माहौल है विशेष रूप से छात्र कॉलेज और स्कूल जीवन में तनाव का सामना कर रहे हैं, आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठा रहे हैं इस तरह की प्रशिक्षण कार्यशाला का होना महत्वपूर्ण है।
दिशा केंद्र की प्रभारी डॉ. निधि मीणा ने सभी सहभागी छात्रों की सक्रीय सहभागिता को सराहा और भविष्य में होने वाली इस तरह की कार्यशालाओं में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया। कार्यशाला में उपस्थित प्रशिक्षक रितिका खांडोल ने छात्राओं को विभिन्न केस स्टडी के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने की अनेक तकनीक सिखाई।
उन्हें लघु फिल्म के माध्यम से ऐसी अनेक मानसिक बिमारियों का परिचय करवाया, जो हमारे दैनिक जीवन को प्रभावित करती हैं और जिनका उपचार करने के लिए मनोचिकित्सक एवं मनोवैज्ञानिक की जरूरत होती है।
डॉ. निधि मीणा ने प्रशिक्षक, उपस्थित सदस्य एवं छात्राओं का आभार व्यक्त किया।