देहरादून में हुई कांग्रेस की रैली में राहुल गांधी द्वारा सतपाल ब्रह्मचारी की रुद्राक्ष की माला ना पहने जाने की चर्चाओ का बाजार गर्म है। सियासी गलियारों के साथ बाजारों में भी लोग अलग-अलग तरह की चर्चा कर रहे हैं । हरिद्वार सीट से इस बार चुनाव में सतपाल ब्रह्मचारी मजबूत दावेदार माने जा रहे थे लेकिन मंच पर राहुल गांधी द्वारा उनकी माला ना पहने जाने से एक प्रश्न चिन्ह जरूर लगता है।
सूत्रों के अनुसार इस घटना को 2017 के चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है बताते चलें कि 2017 के चुनाव में कांग्रेस का टिकट ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज को मिला था। उस समय भी सतपाल ब्रह्मचारी ने अपनी दावेदारी कर रखी थी।
लेकिन टिकट ना मिलने से नाराज होकर उन्होंने खुलकर ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी का विरोध किया था। चुनाव में उनकी खिलाफत के चलते ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी चुनाव हार गए थे। इस बात को आज भी हाईकमान भूल नही पाया है,हो सकता है इसी वजह से उनकी माला को राहुल गांधी ने स्वीकार नहीं किया है।
इस मुद्दे पर सतपाल ब्रह्मचारी ने इस घटनाक्रम पर कहा की ये मेरे खिलाफ भाजपा का षड्यंत्र है। राहुल गांधी की रैली में अपार भीड़ को देखते हुए बीजेपी बौखला गई है।
इस घटनाक्रम पर हरिद्वार सीट से इस बार दावेदारी कर रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता आलोक शर्मा ने कहा कि इस तरह का माहौल अचानक बन जाया करता है। यह मौके की बात है कि वहां इस तरह का माहौल बना।
बहरहाल वजह कुछ भी हो सतपाल ब्रह्मचारी की माला न पहने जाने से हरिद्वार में बीजेपी और उनके विरोधी खासे उत्साहित हैं हर गली मोहल्ले में चर्चा है कि सतपाल ब्रह्मचारी की माला को राहुल गांधी ने क्यों नहीं पहना सब अपना अपना गणित लगा रहे हैं।