•  कृषि में स्वरोजगार की अपार संभावनाएं – प्रोफ. जोशी 

दिनांक 30 अगस्त 2024 को पंडित ललित मोहन शर्मा ,श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश एवं प्लांटिका संस्थान देहरादून के संयुक्त तत्वाधान में एग्री एंटरप्रेन्योरशिप विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।

जिसका विषय ‘कृषि उद्यमिता खेतों से बाजार तक’ है l इस अवसर पर मुख्य अथिति माननीय कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर एनके जोशी, विशेष अथिति कुल सचिव श्री दिनेश चंद्र, परिसर निदेशक प्रोफेसर एम एस रावत, विज्ञान संकाय प्रोफेसर गुलशन कुमार ढींगरा एवं प्लांटिका संस्थान के निदेशक डॉ अनूप बडोनी एवं परिसर के प्रोफेसर बीडी पांडे वनस्पति विभाग, प्रोफेसर अनीता तोमर गणित विभाग तथा अन्य उपस्थित रहे।

Img 20240830 215651

इस अवसर पर श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एन के जोशी जी ने अपने संबोधन में छात्रों को उद्यमिता की ओर अग्रसर होने को प्रेरित किया एवं विश्वविद्यालय में देव भूमि उद्यमिता केंद्र की स्थापना के विषय में जानकारी दी।

इस अवसर पर पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश के निदेशक प्रोफेसर एस रावत ने इस प्रकार की कार्यशाला में छात्रों को बढ़-चढ़कर प्रतिभाग करने की और प्रेरित किया।

उद्यमिता एवं नई शिक्षा नीति के अंतर्गत इस प्रकार के कार्यशाला व पाठ्यक्रमों को शिक्षा में शामिल करने के महत्व के बारे में बताया।

विश्वविद्यालय परिसर के कुल सचिव श्री दिनेश चंद्र ने छात्रों को उद्यमिता विशेष कर कृषि उद्यमिता की ओर कार्य करने को कहा।

इस कार्यशाला में प्लांटिका संस्थान की ओर से मासिक पत्रिका का अनावरण भी किया गया।

कार्यशाला में प्रोफेसर एसके कुड़ियल ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।

कार्यशाला के तकनीकी सत्र में श्री विनय चमोली ने कृषि उद्यमिता के फायदे और अपने के तरीके के बारे में बताया कार्यशाला में डॉक्टर अनूप बडोनी ने मशरूम के बारे में बताया और इससे आमदनी अर्जित करने के बारे में छात्रों को जानकारी दी ।

कार्यशाला के प्रयोगात्मक चरण में श्री चन्दन कुमार ने एवं वंदना पेटवाल ने धींगरी मशरूम के लिए प्रयोग किए जाने वाली कंपोस्ट खाद को तैयार करने के तरीके को छात्रों को बताया।

कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ तथा सरस्वती वंदना द्वारा आरंभ हुआ।

विज्ञान संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर गुलशन कुमार ढींगरा ने प्रतिभागी छात्रों को कार्यशाला के महत्व और उसकी उपयोगिता के बारे में बताया।