नवल टाइम्स न्यूज़, 6 अप्रैल 2024 : अखिल भारतीय साहित्य परिषद व हिन्दू नव संवत्सर आयोजन समिति कोटा के शिवाजी नगर प्रकोष्ठ के द्वारा आयोजित प्रबुद्ध जन संगोष्ठी हेतु आज दिनांक 6 अप्रेल 2024 शनिवार को विवेकानन्द पार्क हाट रोड कोटा जंक्शन पर सम्पन्न हुई ।

श्री रघुनन्दन हठीला ने गोष्ठी का संचालन किया । इस संगोष्ठी के आयोजक राम मोहन कौशिक ने बताया कि इस अंतिम संगोष्ठी में मुख्य वक्ता डा. नारायण हेड़ा विभागाध्यक्ष (भौतिक विज्ञान) कोटा विश्वविद्यालय रहे एवं वर्तमान में कोटा महानगर संपर्क प्रमुख हैं । श्री भगवत सिंह मंयक ने परिषद गीत के साथ गोष्ठी का शुभारम्भ किया

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श्री नारायण हेड़ा जी ने विज्ञान को धर्म के साथ जोड़ कर अपना उदबोधन दिया तथा साथ ही यह बताया कि अंग्रेजी कलेण्डर तथा हिन्दू कलेण्डर तथा काल गणना में क्या अन्तर तथा अच्छाई है ।

उन्होंने सभी प्रबुद्ध जनों को यह बताया कि हिन्दू धर्म और संस्कृति क्यों इतनी अच्छी है ।

कमलेश कमल ने अखिल भारतीय साहित्य परिषद के क्रिया कलापों पर अपनी बात कही । विशिष्ट अतिथि श्री देवेन्द्र कुमार सक्सेना प्रसिद्ध तबला वादक ने धर्म और विज्ञान के मिलन और इक्कीसवीं सदी उज्जवल भविष्य का नव संवत्सर प्रतिपदा के परिप्रेक्ष्य में संगीत मय उदबोधन दिया ।

 इस अवसर पर – घन श्याम, डी के शर्मा , , अर्जुन दास छाबड़ा , कमलेश कमल , राजेश गोतम एवं कई प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे ।

सही रूप उभरेगा उस दिन मानव के उत्थान का ।

जिस दिन होगा मिलन विश्व में धर्म और विज्ञान का ।।

 अखिल भारतीय साहित्य परिषद चित्तौड़ प्रांत के तत्वावधान में विवेकानंद पार्क हाट रोड कोटा में प्रबुद्ध वर्ग की गोष्ठी में मुख्य अतिथि डॉ 0 नारायण हेडा ने कहा कि हम उजाले की संस्कृति के लोग हैं हमने नक्षत्र के अनुसार अपनी पूर्णिमा से 12 महीने तैयारी पर प्रकाश डालते हुए दिन रात वार, माह, काल, गणना, त्यौहार तिथि, युग आदि की रोचक विज्ञान सम्मत ज्ञानवर्धक जानकारी भारतीय संस्कृति के परिक्षेत्र में दी।

 राम धर्म लक्षमण काम शत्रुध्न अर्थ भरत मोक्ष के प्रतीक हैं उन्होेंने एक जनवरी का दिन और नवसंवत्सर की तुलना करते हुए नव संवत्सर की तमाम उपलब्धियां वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर बताई

 विशिष्ट अतिथि देवेंद्र कुमार सक्सेना ने कहा कि – ” भारतीय संस्कृति देव संस्कृति हैं उन्होेंने आचार्य श्रीराम शर्मा जी की भविष्य वाणी का जिक्र करते हुए कहा कि 21 सदी उज्जवल भविष्य एवं सही रूप उभरेगा उस दिन मानव के उत्थान का जिस दिन होगा मिलन

विश्व में धर्म और विज्ञान का संदेश देते हुए कहा कि पूज्य गुरुदेव वेदमूर्ति तपोनिष्ठ आचार्य श्रीराम शर्मा का कथन था कि इक्कीसवीं सदी उज्जवल!!! ऐसा व्यक्ति आयेगा भारत का नेतृत्व , भारत की दशा और दिशा बदलेगा,, आज चहूं ओर वही स्थिति दिखाई पड़ रही है चारो दिशा में भारत का डंका बज रहा है।

 इस अवसर पर अध्यक्ष श्री अर्जुन जी छाबड़ा, कमलेश कमल, रघुनन्दन हटीला ने विचार व्यक्त किये।

डॉ 0 संतोष कुमार मीना ने राम भजन श्री देवेंद्र शर्मा ने बांसुरी पर देश भक्ति गीतों की प्रस्तुति दी। स्वागत श्री राम मोहन कौशिक ने किया।