कोटा : राजकीय कला कन्या महाविद्यालय में दिनांक 02.12.2025 से 06.12.2025 तक गृह विज्ञान विभाग द्वारा भोजन परिरक्षण विषय पर पांच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
प्राचार्य डॉ. सीमा चौहान ने कार्यशाला में को अत्यंत उपयोगी बताते हुए स्वरोजगार की दृष्टि से छात्राओं के लिए सार्थक बताया। विभागाध्यक्ष डॉ. दीपा स्वामी ने मुख्य प्रशिक्षक श्री वी.के. शर्मा जी का स्वागत किया गया एवं कार्यशाला के पांच दिवसो के कार्यक्रम का ब्यौरा प्रस्तुत किया।
प्रशिक्षक श्री वी.के. शर्मा फूड टेक्नोलॉजिस्ट एवं तकनीकी सलाहकार इंडियन फूड प्रोडक्शन एंड ट्रेंनिंग इंस्टीट्यूट ग्राम रुडायन, जिला अलीगढ़ द्वारा भोजन परिक्षण के विषय का प्रयोगात्मक प्रदर्शन करते हुए छात्राओं को इस क्षेत्र की बारीकियों से परिचित करवाया।
प्रशिक्षण के प्रथम दिवस पर घरेलू तरीके से भोजन परिक्षण के सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हुए एक व्याख्यान आयोजित किया गया। द्वितीय दिवस पर टमाटर से स्क्वैश, प्युरी, हॉट चिली सॉस एवं टमाटर केचप सॉस बनाना सिखाया गया। कार्यशाला के तृतीय दिवस पर फलों से जैम, जेली, मुरब्बा, कैंडी आदि का निर्माण करना बताया गया।
मुख्य रूप से मिक्स फ्रूट जैम, अमरूद जेली, आंवला का मुरब्बा, आंवला कैंडी, को बनाने की विधि बताई गई। प्रशिक्षण के चतुर्थ दिवस पर नींबू अदरक स्क्वैश, विभिन्न प्रकार के शरबत, रूह अफजा शरबत आदि बनाने बताए गए वर्कशॉप के अंतिम दिवस पर मिक्स वेजिटेबल अचार, मिर्च का अचार, गाजर का अचार इत्यादि बनाने की प्रयोगात्मक जानकारी प्रदान कर छात्राओं को प्रशिक्षित किया गया।
कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ. श्रुति अग्रवाल ने इस कार्यशाला को अत्यंत उपयोगी बताते हुए संपूर्ण प्रशिक्षण के दौरान व्यावहारिक रूप से आने वाली समस्याओं एवं जिज्ञासाओं का भी निराकरण किया। साथ ही बताया कि इन सभी तकनीकों को छात्राएं अपने घरेलू उपयोग में अमल में ला सकती हैं, एवं बचत कर सकती हैं।
इस कार्यशाला के माध्यम से छात्राओं को लघु उद्योग एवं कुटीर उद्योग स्थापित करने हेतु भी जानकारी प्रदान की गई। भोजन परिरक्षण में सामग्रियों का किस प्रकार एवं कितनी मात्रा में प्रयोग किया जाए इसके बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
श्री वी. के. शर्मा द्वारा दी गई कॉर्न सिरप, शक्कर, नमक, सिरका, नींबू का रस, साइट्रिक एसिड, सोडियम बेंजोएट, ग्लेशियल एसिटिक एसिड का कितनी मात्रा में प्रयोग किया जाए जिससे कि भोजन लंबे समय तक सुरक्षित रह पाए, इसकी समग्र जानकारी प्रशिक्षण के दौरान छात्राओं द्वारा प्राप्त की गई।
कार्यशाला के पांच दिवसीय प्रशिक्षण में संकाय सदस्य डॉ. अनीता तंबोली, डॉ. मीरा गुप्ता, डॉ. बिंदु चतुर्वेदी, डॉ. हिमानी सिंह, डॉ. उमा बाड़ोलिया, डॉ. निधि मीणा, डॉ. बीनु कुमावत, डॉ. अंजु कविया ने कौशल विकास हेतु इस कार्यशाला में अपनी उपस्थिति दी तथा कार्यशाला को सफल बताया।
महाविद्यालय संकाय सदस्यों ने छात्राओं में उद्यमिता विकसित करने हेतु कार्यशाला में तैयार उत्पादों को निर्मित करने के लिए ऑर्डर भी दिए प्रतिभागियों को ऑनलाइन प्रमाण-पत्र वितरित किए गए। कार्यशाला आयोजन में श्रीमती अनुराधा गुप्ता, सुश्री मानसी दाधिच, श्री रामकुमार एवं कंचन बाई का सहयोग रहा।


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