देवेंद्र सक्सेना,कोटा: आज 11 जनवरी को राष्ट्रीय दशहरा के विजय श्री रंग मंच पर हजारों दीपक प्रज्ज्वलित करके गायत्री परिवार ने दीप यज्ञ आयोजन किया…
आज दीप यज्ञ में मुख्य विचारक वक्ता डॉ 0 चिन्मय पण्डया प्रति कुलपति देव संस्कृति ने हजारों की संख्या में उपस्थित गायत्री परिवार के कार्यकर्ताओं सम्बोधित करते हुए कहा कि
‘*गुरूदेव ने राष्ट्र और देव संस्कृति के दीपक जलाने के लिए ही नहीं हमें दीपक बनने के लिए बुलाया है उन्होंने कहा कि हमें गुरुदेव वंदनीया माताजी ने खींच कर बुलाया है हमें नीवं का पत्थर बनना है, मील का पत्थर बनना है, हमें पारस का पत्थर बनना है राष्ट्र देवता का भगवान का कार्य निष्ठा ईमानदारी के साथ करना है। पारिवारिक सामाजिक कष्टों को दूर करने के लिए हम गायत्री माता यज्ञ पिता को घर घर पहुंचाना है आज यज्ञ में .यह सकंल्प लेना है।
सायं कालीन दीप यज्ञ का एवं प्रातः कालीन 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का संचालन शांतिकुंज हरिद्वार के प्रतिनिधि श्री श्याम बिहारी दुबे ओइन्द्रसिहं ने तथा राम भरोसे शर्मा एवं टीम ने यज्ञ व्यवस्था , प्रज्ञा संगीत, बसंत यादव, जगदीप नेगी, सुरेश शर्मा चन्द्र प्रकाश आदि ने किया।
संस्कार शाला में संस्कार , देवेश शर्मा, चंदा लाल, जी सुरक्षा व्यवस्था तेज राज सिंह जी एवं पुलिस विभाग सहयोग कर रहे हैं प्रातः काल श्रीमती राखी गौतम ने आहुतियां दी मीडिया समन्वयक ने बताया कि सांयकाल दीप यज्ञ समारोह में उपस्थित अतिथि
प्रसिद्ध समाजसेवी राजस्थान रेडक्रॉस रोसायटी के चेयरमैन श्री राजेश कृष्ण बिरला जी, विधायक श्रीमान संदीप शर्मा जी, श्री राकेश जैन भाजपा जिला अध्यक्ष डी वाई एस पी राजेश टेलर एवं अशोक मीणा थे।
डॉ0 चिन्मय पण्डया ने दिया की त्रैमासिक पत्रिका नया सवेरा का विमोचन किया इस अवसर दिया के आदित्य विजय, आयुष विजय डॉ 0 मुकेश मीणा राजीव सिंह चौहान मौजूद थे।
गायत्री परिवार के राजस्थान प्रभारी गौरीशंकर सैनी, ओमप्रकाश अग्रवाल, डॉ 0 प्रशांत भारद्वाज,
श्री रामेश्वर नैनीवाल, आयोजन समिति के तुलसी राम शर्मा, प्रभा शंकर दुबे, जी डी पटेल, चतुर्भुज जोशी, हेमराज पांचाल, खेमराज यादव, रामेश्वर खंडेलवाल, दिनेश नैनीवाल, राम किशन सुमन, डॉ0 रघुनंदन शर्मा डॉ 0 राजेन्द्र कुमार, डाॅ 0 हेमलता गांधी, झुंझुनूं से आए जय सिंह, रामजी लाल, आर डी शर्मा शिव कुमार पालीवाल, , ऊषा राठौड़ गोवा से आई पल्लवी मंत्री, रेखा पटवा सहित दीया प्रज्ञा मंडल आदि कई स्वयंसेवक मौजूद थे।
प्रातः काल सूर्य ध्यान प्रज्ञा योग,108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ में हिंदी और संस्कृत में देव आव्हान, देव पूजन,शोडषोपचार, अग्नि आव्हान, यज्ञ सविता प्रार्थना,यज्ञ में आहुतियां, यज्ञ प्रार्थना, पूर्णाहुति, आरती प्रसाद वितरण संस्कार शाला में विभिन्न संस्कार आदि का आयोजन श्रध्दां भक्ति के साथ सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ।