उत्तराखंड:  देश में कोरोना के नए सब-वेरिएंट जेएन.1 (बीए.2.86.1.1) के मामले सामने आने के बाद उत्तराखंड सरकार ने अलर्ट जारी ‎किया है।

कोरोना की रोकथाम और बचाव के लिए स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने प्रदेश के सभी जिलों और अस्पतालों के लिए दिशा-निर्देश एडवाइजरी जारी करते हुए हरसंभव प्रयास के ‎लिए कहा है।

जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्साधिकारियों को जारी निर्देश में कहा गया हैं कि कोविड से बचाव के लिए गाइडलाइन का पालन करने के साथ ही अस्पताल प्रबंधन हृदय रोगियों, और फेफड़े की बीमारी से ग्रस्त रोगियों की निगरानी सु‎निश्चित करे और उनके इन्फ्लूएंजा की जांच की जाए।

अस्पतालों से ऐसे मरीजों की सभी जानकारी इंटीग्रेटिड हेल्थ इंफोरमेशन प्लेटफार्म पोर्टल में दर्ज करने के निर्देश भी दिए गए। हालांकि प्रदेश में अब तक कोविड-19 के नए सब-वेरिएंट जेएन-1 का कोई मरीज नहीं है।

स्वास्थ्य सचिव की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव ने पत्र के जरिए अवगत कराया है कि विगत कुछ दिनों में कुछ राज्यों में कोविड-19 के रोगियों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है।

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी दिशा-निर्देश में ऑपरेशनल गाइडलाइन्स फॉर रिविसेड सर्विलांस स्ट्रेटेजी इन कॉन्टेक्स्ट ऑफ कोविड-19 का अनुपालन करने स‎हित जिला स्तर पर इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस(आईएलआई )/सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस (एसएआरआई) रोगियों की निगरानी सु‎‎नि‎श्चित करने को कहा गया है।

इसके अलावा पर्याप्त संख्या में आईएलआई/एसएआरआई रोगियों की कोविड-19 एवं इन्फ्लुएंजा जांच के साथ ही रोगियों की जानकारी इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फॉर्मेशन प्लेटफार्म (आईएचआईपी) पोर्टल में अपलोड करने को कहा गया है।

कोविड-19 प्रबंधन के लिए चिकित्सालय स्तर पर आवश्यक तैयारियां दुरुस्त रखने स‎हित श्वसन स्वच्छता के प्रति जागरूकता के लिए तमाम माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा गया है। ‎निर्देशों में कहा गया है ‎कि आईएलआई/एसएआरआई के लक्षण पर चिकित्सकीय परामर्श पर ही दवाइयों का सेवन ‎किया जाये।