‘पौड़ी गढ़वाल, ‌‌मजरा महादेव:  राजकीय महाविद्यालय, मजरा महादेव में आज ‘राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन’ ‘जल शक्ति मंत्रालय’ भारत सरकार के तत्त्वाधान में नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत (दिनांक 16 मार्च से 31 मार्च तक) ”गंगा स्वछता पखवाड़ा” में ‘गंगा घाट स्वच्छता अभियान’ का आयोजन किया गया।

महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. के. सी. दुद्पुड़ी ने स्वच्छता के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि स्वच्छता का अर्थ है सफाई से रहने की आदत। सफाई से रहने से जहां शरीर स्वस्थ रहता है, वहीं स्वच्छता तन और मन दोनों की खुशी के लिए आवश्यक है।

स्वच्छता, सभी लोगों को अपनी दिनचर्या में अवश्य ही शामिल करनी चाहिए। महात्मा गांधी ने कहा था- ‘स्वच्छता ही सेवा है। हमारे देश के लिए, हमारे जीवन में स्वच्छता की बहुत जरूरत है। गंदगी हमारे आसपास के वातावरण और जीवन को प्रभावित करती है। हमें व्यक्तिगत व आसपास भी सफाई अवश्य रखनी चाहिए और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए।

नमामि गंगे के नोडल अधिकारी डॉ. चन्द्र बल्लभ नैनवाल ने भी महाविद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं को स्वच्छता को अपने दिनचर्या में शामिल करने का आग्रह किया गया।

और साथ ही यह भी बताया कि जीवन में स्वच्छता से तात्पर्य स्वस्थ होने की अवस्था से भी है। स्वच्छता एक अच्छी आदत है जो हमारे जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाती है।

यह हमारे जीवन का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। हमारे लिए शरीर की भी स्वच्छता बहुत जरूरी है, जैसे रोज नहाना, स्वच्छ कपड़े पहनना, दांतों की सफाई करना, नाखून काटना, आदि। इसके लिए हमें प्रतिदिन अपने दांतों को साफ करना चाहिए।

चेहरा, हाथ पैर धोना चाहिए। साथ ही स्नानादि और दैनिक क्रियाओं को समय पर पूर्ण करना चाहिए। स्वस्थ रहने और शांति से जीवन जीने के लिए स्वच्छता एक अच्छा गुण है। इसके लिए घर के बड़े-बुजुर्गों को और माता-पिता को अपने बच्चों में इस आदत के लिए बढ़ावा देना चाहिए, ताकि वे स्वच्छता के महत्त्व को समझें।

महाविद्यालय के सभी छात्र व छात्राओं के द्वारा महाविद्यालय परिसर से लेकर मजरा महादेव बाजार तक और ‘अर्धनारीश्वर धाम घाट’ में स्वच्छता कार्यक्रम पूर्ण मनोयोग से किया गया।

महाविद्यालय के प्राध्यापकों में आदित्य शर्मा, इंद्रपाल सिंह रावत, डॉ दीपक कुमार, डॉ प्रियंका भट्ट, डॉ. राकेश बिष्ट के साथ-साथ शिक्षणेतर कर्मचारी उदयराम पंत, विक्रम सिंह रावत, वीरेन्द्र सिंह, गुलाब सिंह , मनोज रावत ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।

महाविद्यालय के छात्र- छात्राओं ने भी कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रतिभाग किया।