November 24, 2025

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“जनजातीय गौरव दिवस” पर महाविद्यालय चिन्यालीसौड़ में टाउन हॉल कार्यक्रम व अभिभावक–शिक्षक संघ बैठक का आयोजन

चिन्यालीसौड़ (उत्तरकाशी), 15 नवम्बर 2025 :  उत्तराखंड शासन एवं उच्च शिक्षा निदेशालय के निर्देशानुसार राजकीय महाविद्यालय चिन्यालीसौड़ में आज जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में एक टाउन हॉल कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

सर्वप्रथम राष्ट्र गीत “वंदे मातरम” के गान के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
कार्यक्रम का संयोजन एवं मंच संचालन महाविद्यालय की प्राध्यापिका डॉ सुगंधा वर्मा द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि आज आदिवासी चेतना के नायक ‘धरती आबा’ बिरसा मुंडा, जिन्होंने अंग्रेज़ों के शोषण के विरुद्ध और जल-जंगल-ज़मीन के हक़ की लड़ाई लड़ी और युवाओं में “अबुआ राज,अबुआ दिशोम”(हमारा राज, हमारा देश) की भावना जागृत कर दासता की बेड़ियाँ तोड़ी, उनकी 150वीं जयंती और जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ताओं के रूप में वाणिज्य विभाग की प्राध्यापिका डॉ आराधना राठौर तथा राजनीति विज्ञान विभाग के प्राध्यापक डॉ विनीत कुमार शामिल रहे।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 से प्रारम्भ यह दिवस, देश की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने पर घोषित वह अवसर है, जिसमें महान जननायक बिरसा मुंडा की जयंती को राष्ट्रीय स्तर पर जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।
डॉ आराधना राठौर, प्राध्यापिका – वाणिज्य विभाग, ने विषय पर विस्तृत प्रस्तुति देते हुए उत्तराखंड की थारू, बुक्सा, जौनसारी, राजी एवं भूटिया जनजातियों के विभिन्न विशेषताओं की व्याख्या की।

डॉ विनीत कुमार, प्राध्यापक – राजनीति विज्ञान विभाग, ने अपने संबोधन में भारतीय जनजातियों के संवैधानिक, राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में समग्र विश्लेषण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि भारतीय जनजातियों के लोगों से हमें प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा तथा पर्यावरण संरक्षण सीखने की आवश्यकता है।

उक्त टाउन हॉल कार्यक्रम के साथ ही महाविद्यालय में अभिभावक–शिक्षक संघ की बैठक (PTM) भी आयोजित की गई। बैठक में सत्र 2025–26 के शैक्षणिक लक्ष्यों, छात्रों की प्रगति, महाविद्यालय की शैक्षिक एवं सह–शैक्षिक गतिविधियों पर चर्चा की गई।

महाविद्यालय में अभिभावक–शिक्षक संघ के प्रभारी डॉ किशोर सिंह चौहान ने सभी अभिभावकों का बैठक में सम्मिलित होने के लिए धन्यवाद प्रेषित किया और कहा कि अभिभावकों और शिक्षकों के संयुक्त प्रयासों से ही विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास सम्भव है। साथ उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपनी संस्कृति और सभ्यता के संरक्षण के लिए आगे बढ़कर प्रयास करें।

महाविद्यालय के प्राचार्य, कार्यक्रम अध्यक्ष एवं अभिभावक–शिक्षक संघ के संरक्षक प्रो॰ प्रभात द्विवेदी जी ने अपने प्रेरणादायी संदेश में कहा कि जनजातीय समुदायों ने हमेशा साहस, त्याग और प्रकृति–केंद्रित जीवन मूल्यों से भारतीय सभ्यता को समृद्ध किया है। संयुक्त परिवारों के साथ साथ सामाजिक समरसता भी इन्हीं जनजातीय समुदायों के पर्याय हैं। महाविद्यालय ऐसे आयोजनों के माध्यम से छात्रों में जागरूकता, सम्मान और सामाजिक समरसता की भावना विकसित करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेगा। साथ ही उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों के लिए बेहतर अध्ययन-अध्यापन वातावरण बनाने के लिए महाविद्यालय में निरन्तर प्रयास जारी हैं।

इसी क्रम में महाविद्यालय में अत्याधुनिक तकनीकों से संपन्न तीन स्मार्ट बोर्ड का भी अनावरण कर उन्होंने विद्यार्थियों को समर्पित किए।
इसके साथ-साथ, हमारे राष्ट्रगीत “वंदे मातरम” के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित की गई पोस्टर प्रतियोगिता के विजेताओं को भी प्राचार्य प्रो० प्रभात द्विवेदी जी ने पुरस्कार प्रदान किए, जिनमें प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली छात्रा राधिका (B.Sc. प्रथम सेमेस्टर) तथा द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली छात्रा संध्या (B.Sc. तृतीय सेमेस्टर) शामिल रहीं।

कार्यक्रम का संचालन कर रही डॉ सुगंधा वर्मा ने सभी अतिथियों, स्थानीय नागरिक समुदाय, अभिभावकों, विद्यार्थियों और सहयोगी संकाय सदस्यों का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर अभिभावकों में से श्रीमती सरस्वती देवी, श्रीमती मनीषा देवी, श्रीमती कुंती, श्रीमती अन्नपूर्णा देवी, श्रीमती शीला देवी, श्रीमती हेमलता भट्ट, श्री कृपाल सिंह रावत एवं श्री मेहरबान सिंह उपस्थित रहे।

साथ ही बड़ी संख्या में स्थानीय क्षेत्रवासी एवं नागरिक, महाविद्यालय से डॉ रजनी चमोली, डॉ बृजेश चौहान, डॉ खुशपाल, डॉ यशवंत सिंह, डॉ भूपेश चंद्र पंत, डॉ निशि दुबे, डॉ नेहा बिष्ट, डॉ मंजू पांडे, डॉ अशोक कुमार अग्रवाल, डॉ आलोक बिजल्वाण, डॉ मनोज सिंह बिष्ट, डॉ प्रभदीप सिंह, श्री राजेश राणा, श्री मदन सिंह, श्री रोशन लाल, श्री होशियार सिंह, श्री जीतेन्द्र पंवार, श्री रमेश चंद्र, छात्र-छात्राएं एवं अभिभावक गण उपस्थित रहे।

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