उत्तराखंड में हरक सिंह रावत को बीजेपी ने पार्टी और सरकार से निकाल दिया। रावत अपने लिए मनचाही सीट के साथ, परिवार के लिए दो अन्य टिकट की जिद पर अड़े थे। इनमें से वह एक टिकट अपनी बहू अनुकृति गुसाईं के लिए मांग रहे थे।
हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गुसाईं उत्तराखंड की लैंसडाउन सीट से दावा कर रही हैं। टिकट भले ही कंफर्म नहीं है, लेकिन वह लैंसडाइन की जनता का विश्वास और आशीर्वाद अपने साथ बता रही हैं। उनका कहना है कि वे जिस भी दल से चुनाव लड़ेंगी, प्रदेश के साथ राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी और विधानसभा सीट का नाम रोशन करेंगी।
वहीं हरक सिंह रावत कह रहे हैं कि बड़े-बड़े राजा-महाराजाओं ने कुछ ऐसे फैसले लिए जो उनके विनाश का कारण बने। दरअसल, बीजेपी ने हरक सिंह रावत को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है। अब इसके पीछे के कारणों की पड़ताल शुरू हो गई है। इसमें एक मामला सामने आया है कि वे अपनी पुत्रवधु अनुकृति गुसाईं को वे चुनावी मैदान में उतारना चाहते थे। इसके लिए बीजेपी का स्थानीय नेतृत्व तैयार नहीं हो रहा था। दबाव डालने के लिए दिल्ली भी पहुंचे। लेकिन, वहां से निराशा हाथ लगी और पार्टी से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। हरक सिंह रावत ने इसके बाद रोते हुए भाजपा पर हमला बोला है।
वहीं, ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अनुकृति गुसाईं हैं कौन, जिनके लिए हरक सिंह रावत ने भाजपा से लड़ाई कर ली। आइए जानें…
अनुकृति गुसाईं एक मॉडल और टीवी प्रजेंटर हैं। उनका जन्म 25 मार्च 1994 को हुआ। वर्ष 2013 में उन्होंने मिस इंडिया दिल्ली का खिताब जीता था और मिस इंडिया प्रतियोगिता में पांचवें स्थान पर रही थीं। वर्ष 2013 में वे ब्राइड ऑफ द वर्ल्ड इंडिया का खिताब अपने नाम कर चुकी हैं। इसके अलावा उन्होंने वर्ष 2014 में मिस इंडिया पैसिफिक वर्ल्ड और वर्ष 2017 में मिस इंडिया ग्रैंड इंटरनेशनल में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। वे महिला उत्थान एवं बाल कल्याण संस्थान की अध्यक्ष भी हैं।
पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत और दीप्ति रावत के बेटे तुषित रावत के साथ अनुकृति की शादी हुई थी। वर्ष 2018 में शादी से पहले से ही रावत और गुसाईं परिवार के बीच पारीवारिक रिश्ता था। अनुकृति लैंसडाउन में हरक सिंह रावत का चुनाव प्रचार संभालती रही थीं। सेंट जोजेफ्स एकेडमी से 12वीं करने वाले तुषित ने जर्मनी और अमेरिका में उच्च शिक्षा पूरी की है। तुषित शंकरपुर स्थित दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में काम करते रहे हैं। उनकी राजनीति में रुचि नहीं है, लेकिन, अनुकृति राजनीति में हरक सिंह रावत की वारिश बनना चाहती हैं।
अनुकृति गुसाईं ने पहले ही चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी। विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर आत्मविश्वास से भरपूर अनुकृति ने कहा था कि मुझे तो चुनाव लड़ना ही है, अब देखना यह है कि कौन सी पार्टी मुझे टिकट देती है। ऐसे में दबाव सीधा पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत पर आ गया था। उन्होंने भाजपा आलाकमान पर लैंसडाउन सीट से विधानसभा चुनाव के मैदान में अनुकृति को उतारने की मांग करनी शुरू कर दी थी। अपने ससुर हरक सिंह रावत के बार-बार पाला और सीट बदलने से पर अनुकृति कहती हैं कि उन्होंने पापा (हरक) से बेहतर राजनेता नहीं देखा। वह हर बार विधानसभा बदलते हैं, तो वह उनकी काबिलियत ही है। वह जहां जाते हैं, जनता उनकी हो जाती है।