- पैतृक संपत्ति के लिए बाप की हत्या, किसी भी समाज के लिए चिंताजनक, झबरेड़ा पुलिस ने मेहनत कर अच्छा खुलासा किया है – एसएसपी हरिद्वार
एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के सधे हुए नेतृत्व में हरिद्वार पुलिस एक से बढ़कर एक शानदार खुलासे कर पूरे प्रदेश में नाम कमा रही है।
ताजा प्रकरण जनपद हरिद्वार के देहात क्षेत्र के थाना झबरेड़ा से जुड़ा हुआ है जहां 09 अक्टूबर, 2024 को ग्राम झबरेडी कलां थाना झबरेडा क्षेत्रान्तर्गत विनोद कुमार अपने कमरे के अंदर मृत मिले। परिस्थितियों संदिग्ध थीं क्योंकि मृतक के माथे, कान पर चोट के निशान थे व गले पर फंदे का निशान पाया गया था।
सूचना पर तत्काल हरिद्वार झबरेड़ा पुलिस टीम मौके पर पहुंची और मृतक के शव को कब्जे में लेकर, फोरेसिंक टीम को मौके पर बुलाया गया, वैज्ञानिक तरीकों से साक्ष्य संकलन किया गया व पंचायतनामा आदि अग्रिम विधिक कार्यवाही की गई।
मामला संदिग्ध मिलने पर अनुभवी पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने सीओ मंगलौर विवेक कुमार से मामले की गहराई से जानकारी ली और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार करने के बजाय पुलिस टीम को भी ‘चुपचाप’ घटना से जुड़ा हर सबूत इकट्ठा करने के निर्देश दिए।
यह एक ऐसा काम था जिसके बारे में किसी को कानों-कान कोई खबर नहीं थी यहां तक कि परिवार के सदस्यों को भी ऊपरी तौर पर कोई जानकारी नहीं थी लेकिन मामले के खुलासे में पुलिस द्वारा एकत्र की गई यही जानकारी ही महत्वपूर्ण साबित हुई।
पड़ताल में सामने आया कि बुजुर्ग मृतक के बेटे का मृतक के साथ 12 बीघा जमीन अपने नाम करने को लेकर लगातार विवाद चल रहा था व अक्सर मृतक व उसके बेटे के मध्य लडाई झगडा होता रहता था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मामले में आया नया मोड़-
जब दिनांक 06.12.2024 को हरिद्वार पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्राप्त हुई जिसमें चिकित्सकों ने अपनी राय स्पष्ट करते हुए मृत्यु का कारण ‘गला घोंटना’ बताया तो थाना झबरेड़ा पुलिस द्वारा मृतक विनोद की धर्मपत्नी बबीता को पूरी स्थिति से अवगत कराया गया जिस पर मृतक की पत्नी बबीता की तरफ से थाना झबरेड़ा पर दिनांक 08.12.2024 को मु0अ0सं0 – 494/2024 धारा 103(1) बी0एन0एस0 दर्ज किया गया।
हत्या की वजह हुई साफ–
मृतक विनोद के नाम पर 13 बीघा पैतृक जमीन थी जिसे उसका बडा बेटा रविन्द्र अपने नाम कराना चाहता था किन्तु पिता द्वारा उपरोक्त जमीन रविन्द्र के नाम करने से साफ मना कर दिया था व घटना से कुछ ही महीने पहले कुल 13 बीघा में से 12 बीघा जमीन अपनी पत्नी बबीता के नाम पर कर दिया था।
इस बात से मृतक का बड़ा बेटा रविंद्र बेहद नाराज हो गया और पिता के साथ लगातार लडाई झगडा करने लगा। पिता के न मानने पर रविंद्र द्वारा अपनी मां बबीता पर भी जमीन अपने नाम कराने का लगातार दबाव बनाया गया किन्तु मां ने भी स्पष्ट कर दिया कि पिता की हामी के बगैर जमीन बेटे के नाम पर नही होगी जिस कारण बेहद नाराज रविन्द्र द्वारा पहले अपने पिता के साथ मार-पिटाई की गयी फिर रस्सी से गला दबाकर उनकी हत्या कर दी और आसपास क्षेत्र में इस प्रकार से बताया कि उसके पिता ने आत्महत्या कर ली है जिस पर सभी ने विश्वास भी कर लिया।
किन्तु हरिद्वार पुलिस की सतर्कता, परिस्थितिजन्य साक्ष्य, पी0एम0 रिपोर्ट व पुलिस की सटीक इन्वेस्टिगेंशन के आगे अभियुक्त रविंद्र बेहतरीन तरीके से रचे गये षड्यंत्र में आखिरकार खुद ही फंस गया और जेल के भीतर पहुंच गया।
पैतृक सम्पति के लिए उठाया खौफनाक कदम–
अभियुक्त इतना शातिर था कि जैसे-जैसे पुलिस पूछताछ आगे बढ़ रही थी व पुलिस के अकाट्य प्रश्नों का इसके पास कोई जवाब नहीं था, अपने बयान/बात भी बार-बार बदल रहा था तब इसको आभास हो गया था कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आते ही पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी जिस कारण ये फरार रहने लगा था और कभी-कभी ही “पूरी सावधानी बरतते हुए” छुपते छुपाते ही घर आता था।
इसकी संदिग्धता को देखते हुए एवं इसकी वजह से इसकी मां को भी हुए खतरे को देखते हुए थाना झबरेड़ा की रिपोर्ट पर एसएसपी द्वारा इसपर ₹5000 का इनाम घोषित किया गया।
पकड़े जाने पर इसके द्वारा बताया गया कि बाप ने 13 में से 12 बीघा जमीन मां के नाम कर दी और हमारे नाम कुछ नहीं किया। मां भी बाप के रहते जमीन हमारे नाम नहीं करती थी इसलिए इसके द्वारा बाप को षड्यंत्र रचते हुए इस प्रकार से मारा गया कि सबको ऐसा लगे कि यह खुदकुशी है लेकिन तेजतर्रार हरिद्वार पुलिस ने इसको पकड़ लिया और न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया।
उलझे हुए हत्याकांड के सभी रहस्यों से हरिद्वार “झबरेड़ा” पुलिस द्वारा उठाए गए पर्दों से स्थानीय जनता द्वारा झबरेड़ा पुलिस की कार्यशैली एवं कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के शानदार नेतृत्व की सराहना की।