मशहूर ग़ज़ल गायक भूपेंद्र सिंह का लम्बी बीमारी के कारण निधन हो गया है। मेरी आवाज ही पहचान है, गर याद रहे।’ जैसे गीत गाने वाले देश के प्रसिध्द ग़ज़ल गायक गायक भूपेंद्र सिंह का मंबई के एक अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया है ।
भूपेंद्र सिंह ने बॉलीवुड को अपनी रूहानी आवाज़ में के कई हिट सांग दिए हैं। दिल ढूंढ़ता है फिर वही’, ‘एक अकेला इस शहर’, ‘किसी नजर को तेरा इंतजार आज भी है’, ‘होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा’, नाम गुम जाएगा, दिल ढूंढ़ता है फिर वही, जैसी गजलों को आवाज देने वाले भूपिंदर सिंह की एक खास फैन फॉलोइंग थी। इनकी इन ग़ज़लो को भुलाया नहीं जा सकता है।
कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता’, ‘दरो-दीवार पे हसरत से नजर करते हैं’, ‘खुश रहो अहले-वतन हम तो सफर करते हैं’ जैसे उनके गाए गीतों ने संगीत की दुनिया में एक अलग मुकाम बनाया है।
बता दें कि, भूपिंदर सिंह मशहूर भारतीय संगीतकार रहे और मुख्य रूप से एक गजल गायक थे। उन्होंने कई हिंदी फिल्मों में प्लेबैक सिंगिंग की है। भूपिंदर सिंह ने बचपन में अपने पिता से गिटार बजाना सीखा था, जो एक खुद संगीतकार थे। बाद में वह दिल्ली चले गए जहां उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो के लिए एक गायक और गिटारवादक के रूप में काम किया। संगीतकार मदन मोहन ने 1964 में उन्हें अपना पहला बड़ा ब्रेक दिया था।
खनकती आवाज और गाने का अनोखा अंदाज भूपिंदर सिंह की अलग पहचान थी। उनके गाए कई गीत-गजल वर्षों तक जीवंत रहेंगे।
6 फरवरी, 1940 को अमृतसर में जन्मे भूपिंदर सिंह का जीवन कई तरह के उतार-चढ़ाव वाला था। भूपिंदर सिंह को शुरुआती दिनों में संगीत से नफरत हुआ करती थी, अपने करियर की शुरुआत उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो में परफॉर्म करके किया।