- ओआरओपी मुद्दे पर जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञाप
संजीव शर्मा, हरिद्वार: देश की संप्रभुता की रक्षा की जिम्मेदारी सेना की होती है और हमारी तीनों सेनाएं निरंतर सरहदों की रक्षा में तत्पर है । वन रैंक वन पेंशन का नेतृत्व कर रहे अधिकारियों की एक तरफा निर्णय की वजह से तीनों सेनाओं के 97% जवानों एवं जेसीओ की पेंशन प्रभावित हुई है।
देश की सैनिक संस्थाओं ने अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए संवैधानिक एवं शांतिपूर्ण आंदोलन का सहारा लिया है जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के पूर्व-सैनिक एवं वीर नारियाँ नियमित रूप से इन विसंगतियों के विरुद्ध रोष प्रदर्शन कर रहे हैं।
इसी कड़ी में दिनांक 03 अप्रैल, 2023 को देवभूमि पूर्व-सैनिक कल्याण समिति, हरिद्वार द्वारा समिति के अध्यक्ष सूबेदार मेजर (से. नि.) दिनेश चंद्र सकलानी के नेतृत्व में चिन्मय डिग्री कॉलेज से जिलाधिकारी कार्यालय, रोशनाबाद तक मार्च निकाला गया ।
इसके पश्चात जिलाधिकारी महोदय को ओआरओपी की विसंगतियों संबंधी ज्ञापन सौंपा गया। अध्यक्ष सकलानी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा सेना में ओआरओपी को मंजूरी दी गई है जिसकी प्रति पाँच वर्ष में समीक्षा की जानी है। 2019 में संशोधित ओआरओपी में तीनों सेनाओं के जवानों एवं जेसीओ को कुछ भी फायदा नहीं हुआ है यहाँ तक कि पीसीडीए प्रयागराज द्वारा जारी ओआरओपी टेबल में अधिकतर जवानों एवं जेसीओ की पेंशन 2014 से कम दर्शाया गया है जबकि सेना के अधिकारियों की पेंशन में बेतहाशा वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि सरकार को इसमें हस्तक्षेप करते हुए इस त्रुटि को सुधारने की आवश्यकता है। प्रदर्शन में विजय शंकर चौबे, विनोद कुमार अग्रवाल, योगेंद्र पुरोहित, प्रकाश चंद्र भट्ट, मनोज भट्ट, शिव नंदन, जितेंद्र असवाल, शंभू बैठा, दुर्गेश राय, प्रेम प्रकाश नौटियाल, सोम प्रकाश शर्मा, विवेक रंजन मल्लिक, वीरेंद्र भंडारी, भगवान सिंह, कोमल सिंह रौथाण, तरुण कुमार शुक्ला, राम भजन यादव, महावीर सिंह बिष्ट, मदन मोहन त्रिपाठी, गुलाब झा, बलबीर सिंह, भीम बहादुर थापा, प्रवेंद्र सिंह, भैरव दत्त नैनवाल, गोपी चंद, पदम बहादुर, आशा मल्होत्रा, हेमलता पांडेय, शालिनी, सुजीत शुक्ला, अजय कुमार, मुकेश गुप्ता, संजीव कुमार, नंदन सिंह कठायत, दरबान सिंह, सुखपाल सिंह आदि शामिल हुए।