नाखून के रंग और बनावट से आप अपनी सेहत के बारे में बहुत कुछ जान सकते हैं। नाखून के बदलते रंग बताते हैं कि आपका शरीर अंदर ही अंदर किन बीमारियों से जूझ रहा है। अपने नाखूनों पर ध्यान देकर आप किसी भी तरह की गंभीर बीमारी से बच सकते हैं।
टूटे नाखून
ब्रिटल नेल्स यानी नाखूनों का बार-बार टूटना बताता है कि आपके नाखून कितने कमजोर हो चुके हैं। नाखून की ये स्थिति बताती है कि आपके शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी है। जब नाखून तिरछे ढंग से टूटते हैं तो इसे ओनिकोस्चिजिया कहतें हैं। वहीं नाखून जब बढ़ने वाली दिशा में ही टूटते हैं तो इसे ओनीकोरहेक्सिस कहते हैं।
फीके नाखून
नाखून के रंग का हल्का पड़ा जाना उम्र बढ़ने का सामान्य संकेत है। 60 साल से अधिक उम्र के ज्यादातर लोगों के नाखून हल्के रंग के होते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में, फीके नाखून किसी ना किसी बीमारी का भी संकेत देते हैं। जैसे की शरीर में खून की कमी होना, कुपोषण, लिवर की बीमारी या फिर हार्ट फेलियर। अगर नाखून का रंग खत्म होने के साथ आपको कुछ और लक्षण भी महसूस हो रहे हैं तो अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
सफेद नाखून
कई बार चोट लगने पर हमारे नाखून सफेद हो जाते हैं लेकिन अगर आपके सभी नाखून धीरे-धीरे सफेद हो रहे हैं, तो आपको डॉक्टर से इसके बारे में बात करनी चाहिए। सफेद नाखून के सिरे पर जब गुलाबी लाइन दिखाई देती है तो इसे टेरीज नेल कहा जाता है। इस तरह के नाखून लिवर से जुड़ी बीमारी, क्रोनिक किडनी डिजीज और कंजेस्टिव हार्ट फेलियर जैसी बीमारियों का संकेत देते हैं।
पीले नाखून
पीले नाखून ज्यादातर फंगल इंफेक्शन की वजह से होते हैं। इस तरह के नाखून सोरायसिस, थायराइड और डायबिटीज के संकेत देते हैं। येलो नेल सिंड्रोम नामक एक दुर्लभ बीमारी उन लोगों में पाई जाती हैं जिन्हे फेफड़ों से जुड़ी कोई समस्या होती है या फिर जिनके हाथ-पैरों में अक्सर सूजन रहती है। हालांकि विटामिन म् की मदद से ये बीमारी अक्सर दूर हो जाती है।
नीले नाखून
नाखून के नीले पड़ जाने के कई कारण हो सकते हैं। इसे ब्लू पिगमेंटेशन नेल्स भी कहा जाता है। आमतौर पर ये चांदी के ज्यादा संपर्क में रहने की वजह से हो जाता है। मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल दवाएं, दिल की धड़कन को नियंत्रित करने वाली दवाएं और लिवर की दवाएं भी ब्लू पिगमेंटेशन का कारण बन सकती हैं। एचआईवी के मरीजों के नाखून भी नीले पड़ जाते हैं।
नाखून में गड्ढे बनना
नाखूनों पर छोटे-छोटे गड्ढे या धंसने के निशान होना सोरायसिस बीमारी का संकेत है। आमतौर पर ये डर्मेटाइटिस के मरीजों के नाखूनों पर देखा जाता है। ये त्वचा से जुड़ी एक बीमारी है जिसमें स्किन पर चकत्ते के साथ तेज खुजली, जलन और सूजन होती है।
नेल क्लबिंग
जब आपके नाखून लम्बे होने के बाद उंगलियों की तरफ ही मुड़ने लगें, तो इसे नेल क्लबिंग कहते हैं। कई बार शरीर में ऑक्सीजन की कमी से नाखूनों को यह शेप मिलती है।
ड्राई और नाजुक नाखून
अगर नाखून ड्राई और नाजुक हैं तो यह नाखूनों पर बहुत ज्यादा केमिकल्स के प्रयोग की वजह से हो रहा है। यह कई तरह के लंग कार्डियोवेस्क्युलर से जुड़ी बीमारी की तरफ भी इशारा करते हैं।