आज दिनांक 28 सितंबर 2024 पंडित ललित मोहन शर्मा श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश के मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग में पैलिएटिव केयर व कैंसर से बचाव एवं उपचार के विषय पर एक जागरूकता सेमिनार आयोजित किया गया।
जिसमें गंगा प्रेम हॉस्पीस, रायवाला की वरिष्ठ पैलिएटिव नर्सिंग ऑफिसर मनीषा जोशी द्वारा बताया गया कि पैलियटिव केयर में हम उन रोगियों की विशेष देखभाल की जाती है जो लाईलाज बीमारी से ग्रसित है तथा कौन-कौन से मरीजों को पैलिएटिव केयर दिया जाना जरूरी होता है।
साथ ही उन्होंने बताया कि गंगा प्रेम हॉस्पीस में कैंसर मरीजों को पैलिएटिव केयर बिना किसी शुल्क के दी जाती है, उन्होंने बताया कि जब कोई मरीज किसी गंभीर बिमारी जैसे एचआईवी, हृदय रोग या कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रहा हो उस स्थिति में उसको एक अच्छी सेवा प्रदान कराना उसकी जरूरत व इच्छाओं को पूरा करना पैलिएटिव केयर कहा जाता है।
साथ ही उन्होंने स्तन कैंसर के बारे में भी छात्र-छात्राओं को जानकारी दी और बताया कि स्तन कैंसर का कैसे पता लगाया जा सकता है, जैसे किसी के स्तन अधिक दिखने लगना या स्तन के नजदीक कोई गांठ दिखने लगना या महसूस होना, स्तन का आकार बदल जाना या सूजन रहना, इन सभी की सही जागरूकता होने पर हम स्तन कैंसर के लक्षणों का पता लगा सकते हैं।
इसके पश्चात प्रतिभागी छात्र-छात्राओं ने विशेषज्ञों से अपने मन में उत्पन्न हो रहे प्रश्नों को पूछा जिसका सहज रूप से उन्हें जवाब मिला एवं मनीषा जोशी ने छात्राओं को स्वयं स्तन जांच के बारे में भी बताया और इसके उपचार के लिए एचपीवी(HPV)वैक्सीन लगवाने की सलाह भी दी जिससे स्तन कैंसर होने की संभावना घट सकती है।
इस कार्यक्रम में मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग के समन्यवक प्रो० गुलशन कुमार ढींगरा ने ऑनलाइन माध्यम से विशेषज्ञों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस मौके पर परिसर के निदेशक प्रो० एम एस रावत ने कहा गंगा प्रेम हॉस्पिस द्वारा जो कार्य किया जा रहा है, काबिले तारीफ है, पल्लियेटिव केयर एक प्रकार की चिकित्सा देखभाल है जिसका उद्देश्य गंभीर बीमारी से पीड़ित रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है। इसका फोकस दर्द और अन्य लक्षणों के प्रबंधन पर होता है, ताकि रोगी को आराम और सुकून मिल सके।
इस मौके पर गंगा प्रेम हॉस्पीस अंजिता नाथ (स्वास्थ्य स्वयंसेवक), नंदिनी (आहार विशेषज्ञ) से व मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग से फैकल्टी शालिनी कोटियाल,सफिया हसन, आकांक्षा जोशी, डॉ० बिंदु, देवेंद्र भट्ट,अर्जुन पालीवाल, निशांत भाटला व एम०एल०टी० और एम०एस०सी० माइक्रोबायोलॉजी के 100 विद्यार्थी उपस्थित रहे।