साहित्य- संस्कृति समाज, राष्ट्र आराधना में रत तबला वादक देवेंद्र कुमार सक्सेना…

कोटा राजस्थान के तबला वादक देवेंद्र कुमार सक्सेना पांच जून 2024 को साठ वर्ष पूर्ण करने जा रहे हैं और तीस जून 2024 को राजकीय कला कन्या महाविद्यालय कोटा से सरकारी सेवा से निर्विघ्न सेवा निवृत्त होने जा रहे हैं  ।

आप विगत 41 वर्षों से निःस्वार्थ भारतीय देव संस्कृति संगीत समाज सेवा में लगे हुए हैं। मुझे भी आपसे गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार में तबला वादन सीखने का अवसर प्राप्त हुआ है आपका जन्म 5 जून 1964 को ढाबलाधीर जिला शाजापुर उज्जैन संभाग मध्य प्रदेश में श्री हरिनारायण जी सक्सेना श्रीमती मगन देवी के यहाँ कृषक परिवार में हुआ।

शिक्षा/उपाधि – संगीत भूषण, संगीत प्रभाकर, स्नातक, स्नातकोत्तर हिंदी साहित्य देवेंद्र कुमार सक्सेना ने बाल्यावस्था में अपनी माता श्रीमती मगन देवी की मधुर आवाज में पारम्परिक रचनाओं को सुना तभी से संगीत में रूचि लेना आरंभ कर दिया। इनके नाना जी भी सारंगी बजाने में रूचि लेते थे। अतः इंहे ननिहाल से संगीत के संस्कार मिलना शुरू हुए।

वे बताते हैं कि ‘‘कुछ समय ढाबलाधीर के ग्रामीण परिवेश में पढ़ने के बाद शुजालपुर तहसील में पढ़ने के लिए आया तो वहां संगीत के स्थानीय गुरु श्री एन पी श्रीवास्तव, श्री अरुण कुमार अम्बेडकर से तबले की प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की उनकी प्रेरणा से शिक्षा के लिये भोपाल में पद्मभूषण पंडित सामता प्रसाद गुदई महाराज जी के शिष्य पंडित गणेश प्रसाद भारद्वाज पद्मविभूषण पंडित किशन महाराज जी के शिष्य पंडित बालकृष्ण महंत जी तथा विश्व प्रसिद्ध मृदंग महर्षि डॉ रामशंकर दास उर्फ पागलदास जी से उनके विश्व कला आश्रम अयोध्या में रहकर सीखने का व अपने संगीत गुरूओं के साथ संगीत यात्राएं करने का अवसर प्राप्त हुआ।

मैंने लगभग एक वर्ष सरस्वती संगीत महाविद्यालय शुजालपुर मंडी में तबला शिक्षक के रूप में कार्य किया। शुजालपुर में पढाई के दौरान मुझे देव संस्कृति विश्व विद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार के वर्तमान कुलाधिपति श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्डया जी के मौसा जी शासकीय शारदा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शुजालपुर मंडी में प्रधानाचार्य श्री जी एन मेहता एवं वरिष्ठ शिक्षक श्री चन्द्र मोहन स्वामी जी ने अंतरराष्ट्रीय गायत्री परिवार से जुडने के लिए प्रेरित किया।

मानव मात्र एक समान परम पिता की सब संतान, अपना सुधार संसार की सबसे बड़ी सेवा है, नर और नारी एक समान जाति वंश सब एक समान, व्यसन मुक्ति, नारी शिक्षा, पर्यावरण शुद्धता हेतु गायत्री महायज्ञ , सद्बुद्धि हेतु गायत्री मंत्र की साधना, वृक्षारोपण आदि गायत्री परिवार की गतिविधियों में बढ़चढ़कर भाग लेता रहा साथ-साथ शुजालपुर में रहकर सांस्कृतिक एवं साहित्यिक मंचों पर आयोजित कार्यक्रम भाग लेने एवं प्रतियोगिताओं में विजेता रहने का अवसर प्राप्त हुआ।

शाम के समय विधानसभा सदस्य डॉ 0 शैल कुमार शर्मा, आचार्य श्री जसवंत सिंह हाडा( पूर्व विधायक) के सानिध्य में सरस्वती संगीत महाविद्यालय में तबला शिक्षक के रूप में विद्यार्थियों को तबले का प्रशिक्षण दिया करता था उस समय सुश्री रचना शर्मा, नरेंद्र चितले, गोविंद सोनी, धीरज सनमोरिया सहित अनेक विद्यार्थियों ने तबला सीखा…. ।

शुजालपुर मंडी से मैं 1987-88 में गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के पवित्र प्रांगण में पूज्य गुरुदेव वेदमूर्ति तपोनिष्ठ आचार्य श्रीराम शर्मा जी एवं श्रद्धेय माता भगवती देवी डॉ 0 प्रणव पण्डया जी एवं श्रद्धेय शैल दीदी के संरक्षण में पांच वर्ष भारतीय संस्कृति एवं समाज के लिए निस्वार्थ समय दान देने गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के पवित्र प्रांगण में चला आया …- शांतिकुंज से देश विदेश की सांस्कृतिक यात्रा….. भारतीय संगीत के माध्यम से देश विदेश में सांस्कृतिक यात्रा अन्तरराष्ट्रीय राष्ट्रीय गायत्री परिवार की ओर से वंदनीया माताजी भगवती देवी जी श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्डया जी एवं श्रद्धेय शैल बाला दीदी के साथ अश्वमेध यज्ञों से पूर्व देव संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिये 1993 में अमेरिका, कनाडा ,इंग्लैंड ,नेपाल आदि देशों में जाने का सुअवसर मिला।

जहाँ हमने हजारों घरो में गंगा के पवित्र जल एवं तीर्थ स्थलों की पवित्र माटी की स्थापना की शाम के समय भक्ति संगीत के कार्यक्रमों में प्रस्तुति होती थी।

डॉ0 प्रमोद भटनागर, श्री सूरज प्रसाद शुक्ला, श्री प्रताप शास्त्री जी, ओंकार पाटीदार जी,श्री शांतिभाई पटेल, भाई श्री राजकुमार वैष्णव हम सभी ने लाखों व्यक्तियों की उपस्थित में अश्वमेध यज्ञ समारोह की उदगाता टीम में शामिल होकर भारतीय देव संस्कृति के गुण गाने वेद मंत्र, प्रज्ञागीत के माध्यम से किये।

अश्वमेध इंग्लैंड, अमेरिका, कनाडा आदि स्मारिकाओ के सम्पादन में टीम के साथ सहयोग किया। 1993 से वह स्मारिकाएं आज भी मेरे पास सुरक्षित हैं। विदेश मे आकाशवाणी व दूरदर्शन पर भी वार्ता एवं प्रज्ञागीत प्रसारित हुए।

लगभग पांच-छः वर्ष शांतिकुंज हरिद्वार में रहकर संगीत विभाग में हजारों मासिक त्रैमासिक शिविरार्थियो को तबला ढोलक नाल का प्रशिक्षण दिया , जनसंपर्क विभाग में रहकर अनगिनत दर्शनार्थियों को गाइड किया। व्यक्तित्व परिष्कार शिविरों में मंच पर अनगिनत प्रस्तुतियां दी नाटक व नृत्य नाटिकाओ में अभिनय किया।

प्रज्ञा अभियान पाक्षिक समाचार पत्र में कई सकारात्मक समाचारों का लेखन किया। दिल्ली संसद एनेक्सी में महामहिम राष्ट्रपति श्री ज्ञानी जैल सिंह, स्वतंत्रता सेनानी वेदमूर्ति तपोनिष्ठ आचार्य श्रीराम शर्मा जी पर डाक टिकट विमोचन समारोह ताल कटोरा स्टेडियम नई दिल्ली में राष्ट्रपति डॉ 0 शंकर दयाल शर्मा जी, मुख्य न्यायाधीश श्री रंगनाथ मिश्र जी, वंदनीया माता भगवती देवी जी, श्रध्देय डॉ 0 प्रणव पण्डया जी आदि के सानिध्य में संगीत प्रस्तुतियां हुई…

राजस्थान में 28 वर्ष अनेक उपलब्धियां सेवा और सम्मान

देवेंद्र कुमार सक्सेना शांतिकुंज हरिद्वार में अपने समयदान की अवधि पूरी होने के बाद अपने पूज्य पिताजी के साथ राजस्थान में आ गए। बांसवाड़ा में भारती विद्या भवन में शिक्षक रहा। संगीत विदुषी मालिनी काले जी के साथ कार्य किया। आकाशवाणी बांसवाडा में संगीत और वार्ताओं के कार्यक्रम प्रसारित हूए। फिर उदयपुर में गायत्री शक्तिपीठ एवं साहित्यिक संस्था युगधारा से जुड़कर अनेकों कार्यक्रमों में भाग लिया अनेक कार्यक्रमों का संचालन किया।

उन दिनों मैं संविधान निर्मात्री सभा सदस्य मा ०श्री बलवंत सिंह मेहता श्रीमती किरण माहेश्वरी (- पूर्व शिक्षा मंत्री राजस्थान) के सम्पर्क में आया। आकाशवाणी से संगीत वार्ता प्रसारण होता रहा।

जब मैं शुजालपुर और हरिद्वार में था तब लेख समीक्षा समाचार साक्षात्कार आदि लिखता था वह सिलसिला यहां भी जारी रहा।इंटरनेशनल शोध पत्रिका कुतप इंटरनेशनल शोध पत्रिका, साप्ताहिक हिंदुस्तान, धर्मयुग, कादम्बिनी, संगीत, संगीत कला विहार, कला वार्ता, कला समय, संगीत वंदन, राजस्थान पत्रिका, दैनिक भास्कर, दैनिक नव ज्योति, नवल टाइम्स न्यूज, कोटा ब्यूरो, जननायक, वाग्धारा आदि में सभी में 1996 में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सिरोही में तबला वादक पद पर नियुक्त हुआ।

जहाँ उपन्यासकार प्राचार्य डॉ 0 पानु खौलिया, डॉ0 के.एम जैन साहित्य कार डॉ0 रमाकांत शर्मा, डॉ0 डी पी अग्रवाल, डाॅ0 माधव हाडा, डाॅ0 शचीसिहं, डॉ0 संध्या संगीत विभागाध्यक्ष डॉ0 विजयेंद्र गौतम सुश्री संगीता सक्सेना के सानिध्य में रहने का अवसर प्राप्त हुआ। सिरोही में रहते हुए मैंने और मेरी धर्म पत्नि शास्त्रीय गायिका श्रीमती संगीता सक्सेना ने स्पीक मैके सिरोही चेप्टर और संगीत संकल्प सिरोही शाखा की स्थापना की।

स्पीक मैके सिरोही चेप्टर संरक्षक डॉ0 के एम जैन अध्यक्ष, डॉ0 माधव हाडा सचिव एवं मै कोषाध्यक्ष नियुक्त हुआ! सिरोही में शास्त्रीय गायन वादन नृत्य के कई नामी एवं उदीयमान कलाकार आये। संगीत संकल्प के मंच पर राष्ट्रीय महानिदेशक डॉ0 मुकेश गर्ग, महाराष्ट्र से शास्त्रीय गायिका श्रीमती विभावरी बांधवकर ,तबला वादक पंडित समय चैलकर श्रीमती श्रुति गोखले आदि

जुलाई 2003 में जेडीबी कालेज कोटा स्थानांतरित सिरोही से राजकीय जानकी देवी बजाज महिला महाविद्यालय कोटा में स्थानांतरित होकर कोटा में सामाजिक, सांस्कृतिक साहित्यिक, योग स्वास्थ्य एवं राष्ट्रीय गतिविधियों में निःस्वार्थ काम किया।

यहां इन्हे दो बार राजकीय सम्मान प्राप्त हुआ। शिक्षक दिवस पर कायस्थ लोक शिक्षक रत्न, विश्व संगीत दिवस पर मालव गौरव सम्मान, संस्कृति साधक सम्मान, भारतेंदु हरिश्चन्द्र जयंती महोत्सव समारोह में उल्लेखनीय सांस्कृतिक सेवाओं के सम्मान सहित अनगिनत मंचों पर सम्मानित देवेंद्र कुमार सक्सेना बढ चढ कर सामाजिक सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेकर निःस्वार्थ निःशुल्क सहयोग प्रदान करने करते हैं।

पिछले दिनों शास्त्रीय संगीत जगत के अनमोल रत्न पंडित रामाश्रय झा रामरंग,पद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल जी मिश्र, पद्मभूषण पंडित विश्व मोहन भट्ट, विदुषी अलका देव मारूलकर, पंडित राजन साजन मिश्र, पंडित अजय चक्रवर्ती, पद्मश्री मेहमूद धौलपुरी, पद्मश्री मधुप मुद्गल, पद्मश्री उस्ताद अहमद हुसैन उस्ताद मोहम्मद हुसैन, पद्मश्री उस्ताद मोइनुद्दीन खान, विदुषी श्रीमती मंजू नदंन मेहता, पंडित विजय शंकर मिश्र, विदुषी डॉ मधु भट्ट तैलंग, पंडित बबन राव हलधनकर, पंडित रोनू मजूमदार पंडित रामकुमार मिश्रा, पंडित सलिल भट्ट आदि का आपने कोटा आगमन पर भरपूर स्वागत सहयोग किया आप अन्तरराष्ट्रीय गायत्री परिवार, भारतेंदु समिति कोटा, अखिल भारतीय साहित्य परिषद चित्तौड़ प्रांत, सक्षम, संस्कार भारती, संगीतिका, सांस्कृतिक मंच आदि से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष जुड़े हुए हैं।

समय समय पर निःस्वार्थ निःशुल्क सभी संस्थाओं को और प्रति दिन पांच से पच्चीस लोगों की मदद करते हैं।

भारतेंदु समिति कोटा के आप सपरिवार सक्रिय सदस्य हैं विगत 2004 से ही आप 9 सितम्बर को कोटा में साहित्यकारों के सबसे बड़े भारतेंदु हरिश्चन्द्र जयंती महोत्सव समारोह में प्रस्तुति देते हुए तन मन धन से सहयोग करते हैं।

मौजी बाबा लोक कल्याण ट्रस्ट अखिल भारतीय साहित्य परिषद चित्तौड़ प्रांत नव संवत्सर प्रतिपदा आयोजन समिति के सक्रिय सदस्य के रूप में सहयोग सह भागिता करते हैं। आप पांच जून 2024 को साठ वर्ष पूर्ण कर वरिष्ठ नागरिक की श्रेणी में शामिल होकर 30 जून 2024 को सेवा निवृत्त जा रहे हैं। राजकीय सेवा के इन 27 वर्ष 8 माह 29 दिनों में प्राचार्यो, आचार्य, सह /सहायक आचार्य, कर्मचारियों अधिकारियों एवं विद्यार्थियों को भरपूर सहयोग दिया। इनका कहना है कि मैं सौभाग्यशाली हूँ कि विद्या और शिक्षा के सर्वोच्च मंदिर में विद्वान प्राचार्यो एवं आचार्यों के साथ रहने का अवसर प्राप्त हुआ।

मुझे बहुत समझने का मौका मिला। अद्वितीय है निर्माणों में गुरुओं का निर्माण। जिनने फूंके चलती फिरती प्रतिमाओं में प्राण ।।

उल्लेखनीय है कि देवेंद्र कुमार सक्सेना तबला वादक संगीत विभाग राजकीय कला कन्या महाविद्यालय कोटा ने अपनी धर्म पत्नि शास्त्रीय गायिका श्रीमती संगीता सक्सेना एवं पुत्री गायिका ब्रांड एम्बेसेडर बेटी बचाओ अभियान चिकित्सा विभाग सुश्री आस्था सक्सेना के साथ भारत भवन भोपाल ,सिंहस्थ महाकुंभ उज्जैन, गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर, मधुकली भोपाल, अभिनव कला परिषद भोपाल, उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत नाटक अकादमी भोपाल, देव संस्कृति विश्व विद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार, पतंजलि योग पीठ हरिद्वार, भारत विकास परिषद, संस्कार भारती, लेम्प कोटा, स्पीक मैके सिरोही, संगीत संकल्प (कोटा रायपुर, सूरत, बडौदा, अहमदाबाद, सिरोही) आल इंडिया डी ए वी यूथ फैस्टिवल मुम्बई जयपुर, फरीदाबाद, सीसीआरटी सांस्कृतिक महोत्सव हैदराबाद,सीसीआरटी (अहमदाबाद, उदयपुर दिल्ली) आल इंडिया रेडियो नई दिल्लीअसर रतन टाटा ट्रस्ट मुम्बई, राष्ट्रीय दशहरा मेला कोटा, महिला और बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार एवं राजस्थान सरकार, ठाकुर जसवंत सिंह स्मृति संगीत समारोह सहित अनगिनत मंचों पर प्रस्तुतियां दी व सम्मानित हुए।

महाविद्यालय एवं आयुक्तालय कालेज शिक्षा राजस्थान सरकार द्वारा आयोजित सांस्कृतिक प्रतियोगिता में टीम मेनेजर एवं तबला वादक के रूप में शामिल होने का अवसर प्राप्त हुआ।

सितार गुरु संगीत विभागाध्यक्ष श्रीमती प्रेरणा शर्मा जी तथा महाविद्यालय में प्रख्यात गायक डॉ0 रोशन भारती, डॉ0 राजेन्द्र माहेश्वरी‘ डॉ0 पुनीता श्रीवास्तव, डॉ0 संतोष कुमार मीना आदि के साथ तथा विद्यार्थियों के साथ संगत का लगातार अवसर प्राप्त हूए।

मेरे जीवन की विशेष उपलब्धियां आशीर्वाद और सानिध्य.. सेवा योग अध्यात्मिक क्षेत्र में वेदमूर्ति तपोनिष्ठ आचार्य श्रीराम शर्मा जी वंदनीया माता भगवती देवी डॉ0 प्रणव पण्डया जी, श्रद्धेय शैल दीदी योग ऋषि स्वामी रामदेव जी, महामंडलेश्वर श्रद्धेय रामानंद सरस्वती, मृदंग महर्षि डॉ रामशंकर दास उर्फ पागलदास जी, महामंडलेश्वर श्रद्धेय हेमा सरस्वती जी संगीत क्षेत्र में भारत रत्न पंडित रविशंकर जी, भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां, पद्मविभूषण पंडित किशन महाराज जी, पद्म भूषण पंडित सामता प्रसाद गुदई महाराज ,रागऋषि पंडित रामाश्रय झा रामरंग जी, तबला वादक पंडित कुमार बोस जी, उस्ताद अहमद हुसैन उस्ताद मोहम्मद हुसैन, पद्म श्री अनूप जलोटा, पंडित बालकृष्ण महंत जी, पंडित सुरेश तातेड , विदुषी मंजू नदंन मेहता जी, डाॅ0 मुकेश गर्ग, श्री सी एम सक्सेना जी, श्री नरेन्द्र नाथ द्विवेदी जी, संगीत विदुषी प्रो0 श्रीमती सुधा अग्रवाल जी, पंडित महेश शर्मा जी, पंडित शिव शंकर पांडे जी आदि का समय समय पर सानिध्य स्नेह आशीर्वाद मिला

लेखिका डॉ0 ऊषा खंडेलवाल को को भी आपसे गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार में अपनी बहिनों के साथ तबला वादन सीखने का मौका मिला है।

लेखिका:

डॉ0 प्रो0 ऊषा खंडेलवाल

विभागाध्यक्ष दर्शन शास्त्र एक लव्य विश्व विद्यालय

दमोह मध्य प्रदेश

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