अंतिमा कुमारी आज अपने जन्मदिवस के इस अवसर पर ईश्वर से प्रार्थना करते हुए कहतीं हैं कि उन्हें हर बार देव भूमि , ऋषि भूमि , भारत भूमि में जन्म लेने का अवसर प्राप्त हो और वह समाज और राष्ट्र की सेवा करती रहें . इसी भावना से ओतप्रोत उनकी कविता
“बलिदानी वीरों की ऋषियों की देवभूमि तेरी जय हो ”
यह भारत भूमि तपोनिष्ठ ऋषियों की जहाँ जन्में वशिष्ठ, विश्वामित्र, वेदव्यास, ऋषि, वाल्मीकि , चरक आदि|
यह भारत भूमि अवतारों की प्रिय जहाँ कच्छप बारह, राम, कृष्ण, बुध्द, महावीर आये
यह भूमि समर्पित संतों की
जहाँ जन्में तुलसी, सूर, कबीर, नानक, दयानन्द विवेकानंद
मीरा, रवि, रैदास, राम भद्राचार्य, तपोनिष्ठ आचार्य श्रीराम आदि|
यह भूमि देवो की प्रिय
जहाँ सूरज, चांद, सितारे, अग्नि , वायु, शनि, आकाश आदि|
यह भूमि लोकप्रिय देव
जहाँ पूजे जाते श्री गणेश, , ब्रह्मा, विष्णु, महेश, वीर हनुमान, भैरव
, लोक देव रामदेव, तेजाजी, आदि|
यह भूमि वीरों देशप्रेमियों की जहाँ जन्में सांगा, राणा, शिवाजी, सम्भाजी,लक्ष्मी बाई
सुभाष चंद्र बोस, भगत, आजाद, भीम, गांधी, राजगुरु,
तिलक, , आदि|
यह भूमि संगीत ऋषियों की जहाँ
नारद, हरिदास, तानसेन, बैजू, भातखंडे, पलुस्कर लता,
, रविशंकर, बिस्मिल्लाह भीमसेन, किशन – बिरजू – गुदई महाराज, मृदंग आचार्य कुदॐसिंह, स्वामी पागलदास, पंडित रामाश्रय झा आदि|
यह भूमि धर्म प्रेमियों की जहाँ
हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई,
जैन, पारसी, बुध्द, बहाई आदि रहते एक साथ |
धन्य हैं देव रमणी भूमि भारती,
विश्वगुरु, तेरी सदा जय हो विजय हो,
हर जन्म में मिले मुझे देव भूमि भारत
जन्मभूमि तेरी सदा जय हो|
रचयिता: अंतिमा कुमारी “अनन्त”