December 15, 2025

Naval Times News

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बाड़ेबंदी, लाल डायरी, सत्ता संघर्ष और कुर्सी की सौदेबाजी वाली कांग्रेस को, जनता सबक सिखा चुकी है – अरविन्द सिसोदिया

  • शानदार और जानदार भजनलाल शर्मा सरकार से कांग्रेस में भारी बौखलाहट – अरविन्द सिसोदिया

कोटा, 14 दिसंबर। राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल के शिक्षा प्रोत्साहन प्रन्याशी एवं भाजपा राजस्थान के मीडिया संपर्क विभाग के सह-संयोजक अरविन्द सिसोदिया ने भजनलाल शर्मा सरकार के ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरपूर , शानदार – जानदार और जनहितकारी दो वर्ष पूर्ण होने पर कांग्रेस नेताओं द्वारा की जा रही बौखलाहट भरी बयानबाजी पर करारा पलटवार करते हुए कहा कि “पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हों, गोविंद सिंह डोटासरा हों या कोई अन्य कांग्रेसी नेता, उन्हें कोई भी उपदेश देने से पहले यह याद रखना चाहिए कि राजस्थान की जनता ने केवल दो वर्ष पहले ही कांग्रेस को उसके कुशासन, भ्रष्टाचार, सत्ता लोभ, कुर्सी युद्ध और आपसी खींचतान की सजा देते हुये सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया है।

उन्होंने कहा कि आज जब भजनलाल शर्मा सरकार पारदर्शिता, सुशासन और जनकल्याण के साथ मजबूती से काम कर रही है और दो वर्षों में ही जन विकास, जन सुरक्षा और जन विश्वास की नई इबारत लिख रही है, तब कांग्रेस की बौखलाहट स्वाभाविक है। भाजपा की युग परिवर्तनकारी राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार की लोकप्रियता और जनस्वीकार्यता से, कांग्रेस को पेटदर्द हो रहा है। कांग्रेस भाजपा की शांतचित्त, स्थिर और नवाचारों से युक्त गतिशील भजनलाल शर्मा सरकार की उज्ज्वल छवि से हताश, निराश और परेशान है और आदत के मुताबिक छल कपट और झूठ पर उतर आई हैँ।

सिसोदिया ने कहा कि “प्रदेश की जनता ने कांग्रेस की वह गहलोत सरकार देखी है जो बाड़ेबंदी, होटलों में केबिनेट तक़ की नजरबंदी और सत्ता की सौदेबाजी पर टिकी थी। कुर्सी बचाने का मल्लयुद्ध कई वर्षों तक़ चला, विधायकों को होटलों में नजरबंद किया गया, अपनी ही सरकार के खिलाफ सामूहिक त्यागपत्रों की ब्लैकमेलिंग अपने ही संगठन से की गई और बहुमत बचाये रखने के लिए विधायकों को इतनी छूट दी गई कि राज्य में मनमानी और मोकपरस्ती का साम्राज्य बन गया था। यह सब कांग्रेस द्वारा राजस्थान की राजनीति में रचा गया सबसे बड़ा काला अध्याय था, जिसे राजस्थान कभी भूलने वाला नहीं है।

उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस शासनकाल में तबादला उद्योग फलता-फूलता रहा, पेपर लीक माफिया मंडली खुलेआम युवाओं का भविष्य बर्बाद करती रही और भ्रष्टाचार की ‘लाल डायरी’ सत्ता के गलियारों में उछलती रही। सत्ता में बने रहने और बहुमत से वापसी की हताशा में अनगिनित प्रलोभन ऐसे बांटे गए जैसे कोई सौदेबाजी हो। इन सबके बावजूद जनता नें नैतिकता के तकाजे को सामने रख कर कांग्रेस की करारी हार का ही अंतिम फैसला सुनाया है।

सिसोदिया ने कहा कि कांग्रेस के शासन में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं थी। अपराधियों के हौसले बुलंद थे, आम नागरिक भय और असुरक्षा में जी रहे थे और गहलोत सरकार के मंत्री ही आकंठ भ्रष्टाचार के आरोप गहलोत सरकार पर लगा रहे थे। विकास केवल कागजों और फाइलों तक सीमित रहा, जबकि जमीन पर जनता को निराशा और धोखा ही मिला।

उन्होंने कहा कि जनता ने अब काम करने वाली सरकार और कुर्सी बचाने वाली सरकार में फर्क समझ लिया है। कांग्रेस चाहे जितना शोर मचाए, राजस्थान की जनता ने ठान लिया है कि वह प्रदेश को फिर से अराजकता, भ्रष्टाचार और आपसी खींचतान के अंधकार में नहीं जाने देगी।

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