कोटा, 27 दिसंबर। राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल के शिक्षा प्रोत्साहन प्रन्यासी एवं भारत-तिब्बत सहयोग मंच के प्रांतीय महामंत्री अरविन्द सिसोदिया ने मतदाता सूची विशेष पुनरीक्षण के दौरान पात्र मतदाताओं के नाम छूटने की लगातार मिल रहीं शिकायतों को अत्यंत गंभीर मुद्दा बताते हुए कहा कि ” भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक को मताधिकार प्रदान करता है।
इस महत्वपूर्ण संवैधानिक प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की शिथिलता या लापरवाही अस्वीकार्य है। ऐसे मामलों पर तत्काल विभागीय कार्यवाही होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि ” प्रारूप के प्रकाशित हुये लंबा समय गुजर गया किन्तु, हटाए जाने वाले नामों के संबंध में नोटिस अभी तक लोगों तक नहीं पहुँचे हैं, जबकि जवाब देने की अंतिम निकट ही निर्धारित है। यह स्थिति नागरिकों के अधिकारों से खिलवाड़ है।
सिसोदिया ने आगे कहा “विशेष पुनरीक्षण के प्रथम पत्रक में दर्ज बूथ नंबर अब प्रारूप सूची में बूथ पुनर्गठन के कारण बदल गए हैं। अधिकांश आम नागरिक इस बदलाव को समझ ही नहीं पा रहे हैं। बदले गए बूथों की सूचना एवं प्रचार-प्रसार भी नगण्य है। इससे लोग नाम कटने या प्रारूप सूची देखने की प्रक्रिया से भी अनजान बने हुए हैं। बूथ पुनर्गठन से अतिरिक्त व्यवधान या कठिनाई उत्पन्न हुई है। इस परिस्थिति में प्रशासनिक जवाबदेही और संवेदनशीलता, अधिक बढ़ जाती है।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि “पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में जोड़ना कानूनी अनिवार्यता है। किसी भी ‘इफ एंड बट’ के आधार पर उसे नहीं रोका जा सकता। प्रशासन को सजगता, संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई के साथ इस कार्य को पूरा करना चाहिए।
सिसोदिया ने चेतावनी देते हुए कहा ” यह राष्ट्रीय महत्व का कार्य है। यदि कोई कर्मचारी लापरवाही करता पाया जाता है, तो उसे तत्काल सेवामुक्त किया जाए। नागरिकों को परेशान करने का अधिकार किसी को नहीं है। मतदाता सूची से सम्बंधित कार्यों में कोई भी त्रुटि या ढिलाई बिल्कुल स्वीकार नहीं की जा सकती।


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