महानगर युवा इंटक हरिद्वार के कार्यकर्ता और पदाधिकारी महानगर अध्यक्ष मोनिक धवन के नेतृत्व में जिला अधिकारी महोदय को शहर में हो रहे जलभराव की समस्या के निम्नलिखित कारण और उसके सुझाव का ज्ञापन दिया ।
जिसमें उपरोक्त विषयक के बारे में अवगत कराया गया रोजाना की बारिश से पूरा हरिद्वार जलमग्न हो जाता है भविष्य में हरिद्वार में उन्हें जलमग्न ना हो इसके लिए कुछ सुझाव उत्तराखंड सरकार को दिए जा रहे हैं हमें उम्मीद है कि आप हमारे सुझाव पर जरूर अमल करेंगे तथा हरिद्वार शहर जलमग्न नहीं होने देंगे ।
बरसाती नाले पर अतिक्रमण हो रहे हैं जिससे बात बारिश के पानी को आगे जाने का मार्ग नहीं मिल पाता बरसात का सारा पानी सड़कों पर आकर बाढ़ का रूप ले लेता है सिस्टम पर कटे हुए अनियमित क्षेत्र भी जलभराव के जिम्मेदार हैं ।
शहर का अनियोजित विकास का ना होना जरूरी पानी निकासी की व्यवस्था का ना होना समय पर नाली की सफाई का ना होना सरकार द्वारा शहर की सड़कों का निर्माण का लेबल नहीं किया जाता सड़क के ऊपर उसी सड़क बनाई जाती है जिसे मैन सड़क का लेवल ऊंचा हो जाता है और गलियों की सड़कें नीची हो जाती हैं जिससे बरसात होने पर सड़कों का सारा पानी गलियों में जाकर लोगों के घरों और दुकानों में जाता है अगर सड़कों का लेवल ठीक हो तो सड़कों का लेवल गलियों के बराबर हो।
बरसाती नाले अतिक्रमण मुक्त कराकर उनकी सफाई की जाए तो पानी सुचारु रुप से चलता रहेगा और जलभराव नहीं होगा सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश पारित किया है की सड़कों को तोड़कर बनाया जाए उसका भी पालन ठेकेदार ओ इंजीनियर नहीं करते हैं जिससे जलभराव की समस्या को आमजन को झेलना पड़ता है ।
प्राचीन जल स्रोतों का संरक्षण किया जाए तो समस्या का समाधान संभव है एक ऐसा टोल फ्री नंबर जारी किया जाए जिस पर नाला चोक होने पर अथवा पानी भरने पर फोन किया जाए और फोन आने पर तुरंत नाला साफ किया जाए नाले चौक हुए हैं जिसकी वजह से गंदगी नालों में जाती है जो स्लेप टूटे हुए हैं उन्हें सही समय पर मरम्मत की जाए और नालों के इसलेप को सही समय पर बदला जाए।
नए बनने वाले घरों तथा कॉलोनियों में वाटर हार्वेस्टिंग की अनिवार्यता की जाए जिससे जलभराव की समस्या से निजात मिल सके, अधिक पौधे लगाए जाएं, जमीन के भीतर नाले के नक्शे के आंकड़ों का ना होना भी जलभराव की समस्या का उत्पन्न कर रहा है।
यदि इस बात का पूरा मालूम होगी कौन सा नाला कहां पर मिल रहा है कहां पर जोड़ है तो उसे नालों की साफ सफाई एवं रखरखाव किया जा सकता है ।
जलभराव की समस्या से निपटने के लिए प्रत्येक व बरसात के समय सामूहिक रूप से सब का सहयोग लिया जाए जनता को नालों में गंदगी ना फेंकने के लिए जागरूक अभियान चलाया जाए ,बरसात से पहले सभी गड्ढे भर दिए जाएं,, जल निकासी की लाइनों को नियमित रूप से साफ किया जाना चाहिए ।
उचित वर्षा जल निकासी नेटवर्क बनाया जाए हर 5 वर्ष में सड़कों को रीको पेंटिंग होनी चाहिए ,सड़कों के किनारे नालियों का उचित निर्माण किया जाए किया जाना चाहिए ,सीवरेज मेनहोल के ढक्कन को कसकर बंद किया जाना चाहिए ।
सरकार को जिन व्यापारियों और आम जनता के घरों का जो नुकसान हुआ है उसका मुआवजा देना चाहिए ।
इस अवसर पर सत्यनारायण शर्मा ,मंजू रानी ,लक्ष्मी मिश्रा, फियाज अली, एडवोकेट अनुज कुमार शर्मा, महेंद्र गुप्ता, वीरेंद्र भारद्वाज, दीपक कश्यप आदि मौजूद थे।