राजकीय महाविद्यालय चिन्यालीसौड़ में बलिदान दिवस पर श्रीदेव सुमन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए याद किया गया।
प्रातः 10: 00 बजे महाविद्यालय प्रांगण में महाविद्यालय के प्राध्यापक एवं कर्मचारी उपस्थित हुए। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफ़ेसर प्रभात द्विवेदी ने कहा कि हमें श्रीदेव सुमन के बलिदान को याद करते हुए उनसे कुछ सीखना चाहिए, तमाम दिवसों के अवसर पर हमें वीर महापुरुषों की जीवनी से कुछ न कुछ अवश्य सीख लेना होगा, ऐसे ही श्रीदेव सुमन हुए जिन्होंने अपने अल्पायु में अपने प्राण देकर यहां के लोगों के लिए एक स्वतंत्रता की नींव स्थापित की।
इतिहास विषय के प्राध्यापक डॉक्टर खुशपाल ने कहा कि श्रीदेव सुमन अपने उद्देश्य के दृढ़ थे, उन्होंने टिहरी रियासत की प्रलोभन को नकारा और यहां की जनता के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
कार्यक्रम का संचालन वनस्पति विज्ञान के प्राध्यापक डॉ अशोक अग्रवाल ने किया और कहा कि महान क्रांतिकारी शहीद श्री देव सुमन ने टिहरी रियासत के अत्याचारों के खिलाफ आंदोलन किए और उसी आंदोलन के फलस्वरूप अपने प्राण त्याग दिए सुमन जी ने अमानवीय अत्याचारों के खिलाफ जबरदस्त जंग लड़ी। सुमन जैसे साहसी, सत्यग्राही एवं बलिदानों से देश स्वतंत्र हुआ।
इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी हुआ छात्राएं उपस्थित रहे।