बीते 31 जुलाई 2023 को राजकीय महाविद्यालय चिन्यालीसौड़ में हिंदी विभाग एवं अजीम प्रेमजी फाउंडेश के सहयोग से मुंशी प्रेमचंद की जयंती के शुभ अवसर पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
जिसमें महाविद्यालय के छात्र छात्राओं द्वारा प्रेमचंद प्रेमचंद के कहे गए वक्तव्य को रंगों के द्वारा चार्ट पर उकेरा गया।
महाविद्यालय सभागार में आयोजित कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर प्रभात द्विवेदी ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज से 100 वर्ष पूर्व प्रेमचंद ने जो अपने कथा साहित्य में लिखा वह आज भी कालजई एवं प्रासंगिक है ।
उन्होंने कहा कि संयुक्त परिवार विघटन वर्तमान समय की वह विकट समस्या है जिसे प्रेमचंद की कहानियों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है l उनकी आम जन की भाषा में लिखी कहानियां आज के युवाओं के लिए सोचनीय विषय है जो छुआछूत परंपरा से चला आ रहा है वह आज की पीढ़ी न करें यही इन कहानियों की सार्थकता होगी l गोष्ठी में हिंदी विभाग के प्रभारी डॉ कपिल सेमवाल
ने प्रेमचंद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शताब्दियों से जिनका संघर्ष साहित्य से बहिष्कृत था उसे प्रेमचंद ने अपनी कलम के द्वारा शाहिद के दायरे में लाया l डॉ विनीत कुमार ने कहा कि समाज को जगाने का जो कार्य आज सोशल मीडिया कर रहा है, वही कार्य प्रेमचंद अपने साहित्य के माध्यम से करते आ रहे हैं।
अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के सौरव जी एवं ओम त्रिपाठी द्वारा प्रेमचंद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से अवगत कराया गया एवं प्रेमचंद की कहानी बड़े घर की बेटी पर लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।
कार्यक्रम में डॉ प्रमोद कुमार, डॉ बृजेश चौहान, डॉ कृष्णा डबराल, डॉ खुशपाल, डॉ आराधना सिंह, डॉ आलोक, डॉ अशोक कुमार अग्रवाल, डॉ दीपक, डॉ मोनिका एवं समस्त शिक्षणेत्तर कर्मचारी व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे l कार्यक्रम का संचालन शिक्षा शास्त्र के प्राध्यापक डॉ कुलदीप द्वारा किया गया।