आज दिनांक 16 जुलाई 2024 को राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में राजकीय महाविद्यालय चिन्यालीसौड़, उत्तरकाशी में पर्यावरण संरक्षण का संकल्प के साथ लोक पर्व हरेला मनाया गया।

इसके तहत महाविद्यालय के प्राध्यापको, कर्मचारीयों एवं छात्र-छात्राओं द्वारा महाविद्यालय के वानस्पतिक उद्यान में फलदार, छायादार एवं औषधीय पौधे रोपे गए।

इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर प्रभात द्विवेदी ने उत्तराखंड की संस्कृति और प्रकृति को समर्पित हरेला पर्व की शुभकामनाएं दी और कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में प्रतिमाह अलग-अलग दिवस मनाया जाते हैं, जिसका सीधा संबंध प्रकृति एवं मानव के धनिष्ठ संबंधों को दर्शाता है, ऐसा ही एक दिवस है हरेला दिवस, इसका मुख्य उद्देश्य: लोगों को वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित करके प्रकृति की हरियाली को बढ़ावा देना है।

साथ ही कार्यक्रम संयोजक, वनस्पति विज्ञान के प्राध्यापक एवं पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ अशोक कुमार अग्रवाल ने कहा कि हरेला दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य हम सभी जानते हैं की प्रकृति के बिना मनुष्य का जीवन संभव नहीं है।

प्रकृति हमें स्वच्छ हवा, पानी एवं भोजन प्रदान करती है । स्वस्थ जीवन के लिए स्वस्थ पर्यावरण आवश्यक है, किंतु वनों के अत्यधिक कटान, बढ़ता प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग आदि अनेक कारण प्राणियों के लिए खतरा बनता जा रहा है, जिस कारण अनेक जीव जंतु विलुप्त हो चुके हैं अथवा होने की कगार में है।

प्रकृति के संरक्षण एवं बेहतर भविष्य के लिए हमें प्रतिवर्ष हरेला दिवस मनाने का संकल्प लेना चाहिए ।

इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ कृष्ण डबराल, डॉ प्रमोद कुमार, डॉ रजनी, डॉ बृजेश चौहान, डॉ मोनिका अस्वाल, डॉ आलोक, डॉ मनोज सिंह बिष्ट, जयप्रकाश भट्ट, सुनील रमोला, विजयलक्ष्मी आदि सभी उपस्थित रहे।