उत्तराखंड राज्य की स्टार्ट-अप नीति, 2018 युवाओं को एक मंच उपलब्ध करने में सहायता कर रही है, जिनके पास एक अभिनव विचार है और वित्तीय सहायता की आवश्यकता है, यह बात जिला उद्योग केंद्र नरेंद्रनगर के सहायक प्रबंधक ओम प्रकाश जोशी ने आईआईएम, काशीपुर और उद्योग निदेशालय,देहरादून के सहयोग से धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय नरेंद्रनगर के वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग के द्वारा आयोजित स्टार्ट-अप बूट कैंप के दूसरे दिन कहीं। उन्होंने स्टार्टअप्स के लिए चलाई जा रही केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं पर भी प्रकाश डाला।

कार्यशाला के दूसरे दिन आइडिया चैलेंज प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें 12 श्रेष्ठ स्टार्ट अप आइडिया का चुनाव राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए किया गया।

टिहरी के ज़िलाधिकारी सौरभ गहरवार युवाओं के लिए स्वरोज़गार के अवसरों को तराशने के पक्ष में तत्पर रहते हैं और कार्यक्रम में उनका भरपूर सहयोग रहा।

उल्लेखनीय है कि उद्योग निदेशालय देहरादून व भारतीय प्रबंधन संस्थान काशीपुर के सहयोग से धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय नरेंद्रनगर द्वारा सोमवार को दो दिवसीय स्टार्ट-अप बूट कैंप कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के दूसरे दिन ज़िले के विभिन्न भागों से आये प्रतिभागियों ने अपने स्टार्टअप प्लान को ज्यूरी के सामने रखा। इन बिज़नेस प्लान्स को नवीनता, व्यावहारिकता आदि की कसौटी पर परखा गया।

आईआईएम काशीपुर के प्रो वैभव भमोरिया, प्रो कुणाल गांगुली और प्रो मृदुल माहेश्वरी ने कार्यशाला के पहले दिन प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान किया। उन्होंने उद्यमिता की बारीकियों से प्रतिभागियों को अवगत कराया।

फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड एंटररिन्युरशिप डेवलपमेंट अर्थात् फाइड के संयोजक राम कुमार ने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें अपने अंदर छुपी प्रतिभा को पहचानने और उस पर काम करने का मूलमंत्र दिया।

महाविद्यालय नरेंद्रनगर के प्राचार्य प्रो राजेश कुमार उभान ने कार्यशाला के समापन पर युवाओं को अपने विचारों को सफल उद्यम में बदलने की बात रखी।

कार्यक्रम के अंत में डॉ संजय कुमार कार्यशाला के कॉलेज समन्वयन, ने सभी का आभार व्यक्त किया और विशेषज्ञों को स्मृतिचिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में विभिन्न संस्थानों और संगठनों के युवाओं ने भाग लेने के साथ साथ डॉ सपना कश्यप, डॉ यूसी मैठाणी, डॉ राजपाल रावत, डॉ सुधा रानी, डॉ सृचना सचदेवा, डॉ नताशा, डॉ शैलजा रावत, डॉ चंदा टी नौटियाल, डॉ ईरा सिंह, डॉ देवेंद्र कुमार, डॉ ज्योति शैली, डॉ विजय प्रकाश भट्ट, डॉ सोनिया गंभीर, डॉ जितेंद्र नौटियाल, डॉ पीयूष काला, डॉ दिनेश कंजोलिया, विनोद बाला सहगल, शैलजा निझान, विशाल त्यागी, अजय, भूपेंद्र आदि कार्यशाला में शामिल हुए।

About The Author