नैनबाग, टिहरी गढ़वाल : राजकीय महाविद्यालय नैनबाग में संचालित उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रतिभागियों द्वारा एक शैक्षणिक भ्रमण किया गया, जिसके अंतर्गत छात्रों ने स्थानीय उद्यान का अवलोकन किया।
इस दौरान प्रतिभागियों को “उद्यान पंडित” के नाम से विख्यात श्री कुंदन सिंह पंवार द्वारा उद्यानिकी के विविध पहलुओं पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।
श्री पंवार ने प्रतिभागियों को औषधीय पौधों, मौसमी फलों, सब्जियों और फूलों की जैविक खेती के तौर-तरीकों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जैविक उत्पादों की माँग बढ़ रही है, जिससे युवा उद्यमी इस क्षेत्र में नए अवसर तलाश सकते हैं।
उन्होंने विशेष रूप से पॉलीहाउस तकनीक, ग्रीन हाउस, वर्मी कम्पोस्टिंग, और फल-प्रसंस्करण इकाइयों की महत्ता पर प्रकाश डाला।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों में पाजड़ों (छोटे बंजर या उपजाऊ खेतों) का भी सही ढंग से उपयोग कर रोजगार के अच्छे अवसर उत्पन्न किए जा सकते हैं। उन्होंने प्रतिभागियों को प्रेरित करते हुए कहा कि “छोटे स्तर से शुरुआत कर भी कोई बड़ा उद्यमी बन सकता है, बस आवश्यकता है समर्पण, सृजनशीलता और धैर्य की।”
इस अवसर पर कार्यक्रम की नोडल डॉ0 मधु बाला जुवाँठा कोऑर्डिनेटर श्री चंदन कुमार, एवं श्री भुवन सिंह डिमरी भी उपस्थित रहे। उन्होंने भी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए उद्यानिकी एवं कृषिउद्यमिता में उज्ज्वल भविष्य की संभावनाओं पर विचार साझा किए।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों को व्यवहारिक जानकारी प्रदान कर स्वरोजगार की दिशा में सक्षम बनाना है, ताकि वे न केवल आत्मनिर्भर बन सकें, बल्कि अपने कौशल से समाज में भी सकारात्मक बदलाव ला सकें।
उद्यान भ्रमण का यह अनुभव प्रतिभागियों के लिए प्रेरणादायक सिद्ध हुआ और उन्हें खेती को एक आधुनिक एवं लाभकारी व्यवसाय के रूप में देखने की नई दृष्टि मिली।